एक नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि ऐसे वृद्ध जो हरपीज वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, उनमें मनोभ्रंश विकसित होने की संभावना दोगुनी होती है।
यह शोध जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित होने वाली एक नहीं रिसर्च के तहत किया गया अध्ययन है। ये बताता है कि कुछ प्रकार के वायरल संक्रमण और मानसिक प्रदर्शन में होने वाली गिरावट के बीच संबंध के संकेत मिलते हैं।
हरपीज सिम्प्लेक्स वायरस टाइप 1 (एसएसवी-1) मुंह में पड़ने वाले छालों के बाद दूसरा सबसे आम संक्रमण है, जो दुनिया भर में 50 वर्ष से कम उम्र के 3.7 अरब लोगों को प्रभावित करता है, जबकि मनोभ्रंश लगभग 55 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है।
यह नया अध्ययन पुष्टि करता है कि हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस मनोभ्रंश का एक संभावित कारण हो सकता है। एचएसवी-1 संक्रमण एक आजीवन संक्रमण है जिसमें लक्षण अलग-अलग समय पर विकसित होते हैं, जबकि कुछ संक्रमित व्यक्तियों में जीवन में किसी भी समय कोई लक्षण विकसित नहीं होते हैं।
अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 15 साल की अवधि तक स्वीडन के उप्साला के 70 वर्षीय 1,000 लोगों की जांच की। अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अपने जीवन में किसी समय एचएसवी-1 से संक्रमित थे, उनमें उन लोगों की तुलना में मनोभ्रंश विकसित होने की संभावना दोगुनी थी जो संक्रमित नहीं थे।
यह शोध पिछले अध्ययन की पुष्टि करता है जिसने एचएसवी संक्रमण और अल्जाइमर रोग के बीच संबंध की ओर इशारा किया था।