सुप्रीम कोर्ट ने आज पतंजलि के विवादित विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव और बालकृष्ण के दूसरे माफीनामे को भी खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इन्हे कड़ी कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहने के लिए भी कहा है।
बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार 9 अप्रैल को नया एफिडेविट फाइल किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।
आज सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने एक बार फिर से बाबा रामदेव के माफीनामे को ख़ारिज करते हुए उन्हें कड़ी करवाई के लिए तैयार रहने को कहा है।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की बेंच ने पतंजलि पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी हरकतें शीर्ष अदालत के आदेशों का “जानबूझकर और बार-बार उल्लंघन” थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पतंजलि के विवादित विज्ञापन केस में बाबा रामदेव और बालकृष्ण के दूसरे माफीनामे को भी खारिज कर दिया। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने पतंजलि के वकील विपिन सांघी और मुकुल रोहतगी से कहा कि आपने जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है,… pic.twitter.com/0sL4hlgip7
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) April 10, 2024
गौरतलब है कि इससे पहले 2 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में पंतजलि की तरफ से माफीनामा जमा किया गया था। जस्टिस कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने सख्ती के साथ फटकारते हुए इस माफीनामे को महज़ खानापूर्ति बताया था।साथ ही ये भी कहा था कि इस माफीनामे में, माफी का भाव नहीं नज़र आ रहा है।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया और इसके अलावा अपनी बनाई आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा भी किया है।
इससे पहले 2 अप्रैल को इसी बेंच में होने वाली सुनवाई में पंतजलि की तरफ से माफीनामा दिया गया था। जवाब में बेंच ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफीनामा महज़ खानापूर्ति के लिए है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आपके अंदर माफी का भाव नहीं नज़र आ रहा है। कोर्ट ने 2 अप्रैल की सुनवाई में आज की तारीख तय की थी।