पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को यमुना एक्सप्रेसवे के ‘जीरो पॉइंट’ पर गिरफ्तार कर लिया है। धरना स्थल को भी देर रात खाली करवा लिया गया।भारतीय किसान यूनियन (भाकियू)की ओर से बुलाइ गई महापंचायत के बाद किसानों के धरना प्रदर्शन को पुलिस ने तितर-बितर करके जगह को खाली करवा लिया है। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर और ग्रेटर नोएडा में एहतियात के तौर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले पर साफ कहा है कि ऐसी अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीँ पुलिस द्वारा किसानों के हिरासत में लिए जाने के बाद से किसानों में भी तनाव का माहौल है।
किसान हजारों की संख्या में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वॉइंट पर इकठ्ठा हुए लेकिन प्रशासन ने इस धरने को समाप्त करा दिया। यहां अभी भी भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।
जहाँ प्रशासन ने आंदोलनकर्ताओं से निपटने के लिए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है वहीँ भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए लड़ाई जारी रखने की बात कही है।
धरने पर बैठे किसान स्थानीय भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों और मुआवज़े की विसंगतियां के साथ अपने अधिकारों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
ऐसे में किसानों का आंदोलन अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा उग्र होता नजर आ रहा है। दलित प्रेरणा स्थल पर पिछले दिन धरने पर बैठे किसानों की गिरफ्तारी के बाद आज किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानो की महापंचायत बुलाई है। उनका कहना है कि महापंचायत कर आगे के आंदोलन की रणनीति घोषित करेंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को गिरफ्तार किये गये संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को पुलिस ने रिहा कर दिया था। इन किसानों पर नोएडा में दलित प्रेरणास्थल पर शांति भंग करने का आरोप था।
बताते चलें कि किसानों ने 2 दिसंबर को नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर धरना-प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर घटना स्थल को खाली कराया था।
मंगलवार की शाम को भी पुलिस द्वारा लगभग 160 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में इनमे से कई बुजुर्ग, महिलाओं और बीमार लोगों को मुचलके पर ही छोड़ दिया गया।