26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार ‘प्रलय’ मिसाइल का प्रदर्शन होगा। इस अवसर पर परेड में टेक्टिकल बलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ दोनों का प्रदर्शन होना है। दोनों ही स्वदेशी हैं और इन्हें सेना के लिए बनाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस बारे में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह का कहना है कि नवविकसित सामरिक मिसाइल प्रलय परंपरागत हथियार ले जाने में सक्षम है।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ को थर्ड जनरेशन का माना गया है और इसमें युद्ध के समय दुश्मन के टैंक को चार किलोमीटर दूर से ध्वस्त करने की क्षमता है।
सतह से सतह पर वार करने वाली ‘प्रलय’ मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर है। अपनी उच्च क्षमता के कारण यह भारत की रक्षा को मजबूती प्रदान करती है।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से प्रलय की खरीद की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। इसे DRDO ने तैयार किया है। प्रलय की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर तक है और इसके कई सफल परीक्षण भी हो चुके हैं।
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार नजर आने वाली ‘प्रलय’ पारंपरिक होने के साथ ही न्यूक्लियर हथियार ले जाने में भी सक्षम है। यह शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे सतह से सतह पर अटैक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी पेलोड कैपेसिटी 500 से 1000 किलोग्राम तक के विस्फोटक ले जाने की है।
गणतंत्र दिवसआयोजन में करीब 77,000 लोग उपस्थित होंगे और इनमे से 10,000 विशेष आमंत्रित अतिथि होंगे।
इस गणतंत्र दिवस पर परेड में कुल 31 झांकियां दिखाई जाएंगी जिनमें अलग-अलग राज्यों, मंत्रालयों और सुरक्षा बलों की ओर से बनाई गई झांकियां शामिल होंगी। विभिन्न राज्यों की झांकियां परेड में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगी जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को दिखाएगी।