नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को पिता मुलायम सिंह ने अब 38 लोगों की लिस्ट सौंपी है, जिसके बाद टिकटों को लेकर पार्टी में माथापच्ची फिर शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश इनमें से कुछ लोगों का टिकट काटकर बाकी ज्यादातर लोगों को चुनाव में उतराने पर राजी हैं। prajapati
उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा है कि अपर्णा यादव, ओम प्रकाश, नारद राय को टिकट मिल सकता है, लेकिन अतीक अहमद और अंसारी बंधुओं का टिकट कट सकता है।
शिवपाल यादव पर कोई फैसला नहीं किया गया है। नंदा ने साफ किया कि गायत्री प्रजापति अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सपा कांग्रेस के लिए रायबरेली और अमेठी में कोई सीट छोड़ने के मूड में नहीं है।
मुलायम सिंह ने जो लिस्ट दी थी, उसमें शिवपाल यादव की जगह उनके बेटे आदित्य यादव का नाम था। इसकी वजह यह है कि खुद शिवपाल यादव ने मुलायम से मिलकर अखिलेश के साथ काम करने की अनिच्छा जाहिर की थी।
इसके बाद मुलायम ने शिवपाल के बेटे आदित्य यादव का नाम दे दिया। हालांकि बाद में अखिलेश यादव की तरफ से कहा गया कि आदित्य का जीतना पक्का नहीं है और शिवपाल को ही जसवंत नगर की महत्वपूर्ण सीट पर लड़ना चाहिए। इसके बाद फिर मुलायम ने शिवपाल यादव को बुलाकर ये बात बतायी और सूत्रों की मानें तो वे लगभग मान गए हैं।
वहीं शादाब फातिमा को गाजीपुर से और नारद राय को बलिया सदर से टिकट मिल सकता है। इसके अलावा मुलायम सिंह द्वारा नाम दिए जाने के बाद ओम प्रकाश सिंह को भी टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
हालांकि अंबिका चौधरी का नाम मुलायम की लिस्ट में नहीं है और ऐसे में उनको टिकट मिल पाना मुश्किल है। चौधरी बलिया के फेफना से विधायक हैं, हालांकि अखिलेश उनकी जगह संग्राम सिंह को यहां से लड़ाना चाहते हैं।
हाराजगंज के नौतनवा से अमनमणि त्रिपाठी का पत्ता कट सकता है और ये सीट भी कांग्रस के पास जा सकती है, क्योंकि यहां भी मौजूदा विधायक कांग्रेस का है।
वहीं बारांबकी की रामनगर सीट फिर से अरविंद सिंह गोप को मिल सकती है और यहां पर बेनी प्रसाद के बेटे राकेश वर्मा की सीट बदली जा सकती है। उधर मुख्तार अंसारी की पार्टी से उनके भाई सिबगतुल्ला अंसारी अंसारी का नाम मुलायम ने नहीं भेजा है और इसका फैसला अखिलेश पर छोड़ दिया है।