न्यूयॉर्क: एक नए अध्ययन से पता चलता है कि पौधों के भीतर भी एक तरह की बुद्धि होती है।
इस नए अध्ययन में पाया गया कि पौधों में अपने आस-पास के पौधों को कीड़ों से होने वाले नुकसान को भांपकर नुकसान से बचाने की क्षमता होती है।
पिछले अध्ययनों से पता चला है कि जब भी पौधे पर्यावरणीय तनाव (जैसे कि उनकी पत्तियों या तनों का टूटना) से गुजरते हैं, तो वे बेहद हाई फ्रीक्वेंसी पर एक दर्द भरी आवाज़ पैदा करते हैं।
गोल्डनरोड्स (उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में पाया जाने वाला एक फूल) पर एक हालिया अध्ययन में देखा गया कि जब एक बीटल पौधों को खाता है तो पौधे कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।
शोध में पाया गया कि ऐसे मामले में पौधों ने एक रसायन छोड़ा जो कीट को बताता था कि पौधा खराब है और भोजन का स्रोत नहीं हो सकता है।
इस शोध के साथ मिले सबूतों के आधार पर अब वैज्ञानिक बुद्धिमत्ता की परिभाषा में समस्या-समाधान क्षमता को एक संकेतक के रूप में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं।
हालाँकि कॉर्नेल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर केसलर के अनुसार, बुद्धि की 70 से अधिक परिभाषाएँ हैं और उनमें से किसी पर भी सहमति नहीं है।
कई वैज्ञानिक बुद्धि को एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के रूप में वर्णित करते हैं जिसमें विद्युत संकेत अन्य तंत्रिकाओं तक संदेश पहुंचाते हैं। जबकि पौधों में वेस्कुलर सिस्टम कोशिकाओं का एक नेटवर्क है जो पौधों को पानी, खनिज और पोषक तत्वों के माध्यम से बढ़ने में मदद करता है।