पुणे। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म पद्मावती की शूटिंग के दौरान राजपूत समुदाय का विरोध झेल चुके बॉलीवुड फिल्म निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली की मुश्किलें राजपुताना नेता रिची बन्ना ने यह धमकी देकर और बढ़ा दी है कि यदि उनके समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले एक भी आपत्तिजनक दृश्य हुए तो फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
रिची ने यहां यूनीवार्ता से बातचीत के दौरान दावा किया है कि राजस्थान में पद्मावती की शूटिंग के दौरान राजपूत क्रांति सेना के सदस्यों ने भंसाली पर कथित रूप से हमला किया था। सदस्य फिल्म से रानी पद्मावती के जीवन से जुड़ी विवादास्पद दृश्य को हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने भंसाली की ओर से उनपर लगाए गए उन आरोपों की आलोचना की है जिसमें फिल्म निर्माता ने कहा है कि राजपुताना नेता ने खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी को गलत तरीके से पेश किया है। अलाउद्दीन रानी पद्मावती से प्रेम करने लगा था इसलिए वह उनके साम्राज्य को ध्वस्त कर उन्हें हासिल करना चाहता था।
रिची ने दावा किया कि भंसाली को थप्पड़ मारने और बालों से खींचने वाले राजपूत क्रांति सेना के ही सदस्य थे। इससे पहले सेना के सदस्यों ने वर्ष 2008 में आशुतोष गोवारिकर की फिल्म जोधा अकबर और वर्ष 2013 में एकता कपूर की टीवी धारवाहिक जोधा अकबर का ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के आधार पर विरोध किया था। उन्होंने कहा कि बाद में एकता को राजपूत नेताओं से मिलकर क्षमा मांगनी पड़ी थी। रिची ने कहा कि भंसाली को फिल्म में ऐसी घटनाएं दिखानी ही नहीं चाहिए जिसका इतिहास में वर्णन ही नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता को केवल पैसों के लिए इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
उन्होंने खिलजीकालीन इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि रानी पद्मावती 14वीं शताब्दी में राजस्थान में चित्तौड़ (आधुनिक चित्तौडग़ढ़) के राजा रावल सिंह रतन की पत्नी थी। अलाउद्दीन रानी के सौंदर्य से आकर्षित हुआ और उनसे जबरन विवाह करने के लिए चित्तौड़ पर कब्जा करना चाहता था। जब राजपूत सेना खिलजी के आक्रमण का सामना नहीं कर पाई तो चित्तौड़ की महिलाओं ने अपना सम्मान बचाने के लिए आग में कूदकर जौहर (आत्महत्या) कर लिया था।