इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने पवित्र कुरान के अपमान पर स्वीडन के विशेष दूत का दर्जा निलंबित करने का फैसला किया है।
ओआईसी महासचिव हुसैन अब्राहम ताहा ने भी डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में इराकी दूतावास के सामने पवित्र कुरान की एक प्रति जलाने की कड़ी निंदा की।
ओआईसी महासचिव ने इस्लामी पवित्रताओं के उल्लंघन की बार-बार होने वाली घटनाओं पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इस तरह की हरकतें खतरनाक परिणामों के साथ धार्मिक घृणा, असहिष्णुता और भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।
ओआईसी के महासचिव ने इस्लामी प्रतीकों की पवित्रता का सम्मान करने के लिए कहा है।
स्वीडन के विदेश मंत्री को चिट्ठी लिखकर इस फैसले की जानकारी दी गई। उन्होंने डेनमार्क सरकार से इस तरह की उकसावे वाली कार्रवाइयों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओआईसी कार्यकारी समिति के असाधारण सत्र द्वारा जारी अंतिम घोषणा में कहा गया है कि इस तरह के उकसावे नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अग्रीमेंट के आर्टिकल (19) और (20)के खिलाफ हैं।
बैठक में शामिल सभी देशों ने मांग की कि पवित्र कुरान या अन्य इस्लामी मूल्यों और प्रतीकों का अपमान करने वाले किसी भी देश के साथ संबंधों की आधिकारिक रूपरेखा की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों की सहमति से विशेष दूत का दर्जा निलंबित करने सहित संभावित उपाय किए जाएं।
क्यों भड़के OIC के महासचिव? उठाया सख्त कदम https://t.co/k6M69y79r4
— AajTak (@aajtak) July 24, 2023
ओआईसी के बयान के मुताबिक महासचिव ने इस फैसले के बारे में स्वीडिश विदेश मंत्री को पत्र भी लिखा है। स्वीडिश विदेश मंत्री ने कुरान पर हुए हमले पर खेद व्यक्त किया है।
ओआईसी के महासचिव ने इस्लाम की पवित्रता पर किये जा रहे हमलों के विरोध में कुछ सदस्य देशों की तरफ से उठाए गए कदमों का भी स्वागत किया। ताहा ने सभी सदस्य देशों से पवित्र कुरान और इस्लामी प्रतीकों की पवित्रता का सम्मान करने के लिए कहा है। साथ ही इनके बार-बार दुरुपयोग की मंजूरी देने वाले स्वीडिश अधिकारियों की भी कड़ी निंदा की है।