केंद्र सरकार और एनटीए ने नीट यूजी 2024 मामले में साफ कर दिया है कि वह दोबारा परीक्षा कराने के समर्थन में नहीं है। नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में वीडियो और तस्वीरों को फर्जी बताते हुए दावा किया कि वीडियो और फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोशल नेटवर्किंग तथा मैसेजिंग एप- टेलीग्राम पर एनटीए ने पेपर लीक से जुड़े फर्जी वीडियो प्रसारित किए जाने की बात कही है।
मेडिकल इंट्रेंस परीक्षा- नीट यूजी 2024 के पेपर लीक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। इस मामले की जाँच का ज़िम्मा सीबीआई को सौंपा गया है।
सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में सरकार ने कहा कि वह 23 लाख बच्चों पर दोबारा बोझ नहीं डालना चाहती। सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच मामले की सुनवाई करेगी।
परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था- राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इसमें एनटीए ने पेपर लीक से जुड़ी टेलीग्राम की कथित वीडियो को फर्जी बताया है। पेपर लीक मामले पर एनटीए का दावा है कि जो वीडियो और फोटो प्रसारित किए गए है, उनके साथ छेड़छाड़ की गई है।
हलफनामे में एनटीए की तरफ से यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय, राज्य और शहर स्तर तथा केंद्र स्तर पर नीट यूजी 2024 में शामिल हुए अभ्यर्थियों के अंकों के वितरण का विश्लेषण से पता चलता है कि अंकों का वितरण काफी सामान्य है।
एनटीए का कहना है कि ऐसा कोई बाहरी कारक उनके सामने नहीं आया है जिससे यह नतीजा निकाला जा सके कि इससे अभ्यर्थियों को मिलने वाले अंकों पर असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि आठ जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रश्न-पत्र लीक होने की बात मानी थी।
पेपर लीक को एक स्वीकार्य तथ्य मानते हुए एनटीए ने कई सवाल उठाए हैं। उदहारण के तौर पर इसकी पहुंच कितनी व्यापक है या फिर लीक की प्रकृति।
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार तथा एनटीए ने दोबारा परीक्षा का आदेश देने के बजाए लीक की सीमा के साथ 23 लाख छात्रों की सुनवाई का हवाला दिया। इससे पहले अदालत ने एनटीए के साथ केंद्र सरकार से भी सवाल पूछा था कि इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? इस सम्बन्ध में क्या कार्रवाई की गई?
गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। बिहार से प्राथमिकी पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से शेष प्राथमिकी फर्जी उम्मीदवार और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
पांच मई को होने वाली नीट यूजी परीक्षा में 67 छात्रों को पूरे 720 अंक मिले। इस सूची में हरियाणा केंद्र के छह छात्र शामिल हैं। इसके अलावा परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर भी संदेह के बाद आरोप लगाया गया। एनटीए की तरफ से पहली जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किया गया। नतीजे में नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई।