देश के सर्वोच्च न्यायालय का जिला न्यायपालिका का छह सत्रों वाला दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज से शुरू हुआ। अब महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में न्याय जल्दी मिलने की उम्मीद है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल भी सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिकट और सिक्के का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने महिलाओं खिलाफ अपराध और बच्चों की सुरक्षा पर भी प्रतिक्रिया दी।
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों पर प्रधानमंत्री ने उन्हें तेजी से न्याय मिलेगा साथ ही आधी आबादी को सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया।
देश में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा- “सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष, ये केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है। ये यात्रा है, भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की। ये यात्रा है, एक लोकतंत्र के रूप में भारत के और परिपक्व होने की।”
अपने संबोधन में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा- “न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में देश ने न्यायिक संरचना के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। पिछले 25 साल में जितनी राशि न्यायिक संरचना पर खर्च की गई, उसका 75 प्रतिशत पिछले 10 वर्षों में ही हुआ है।
समारोह को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने ने कहा- “भारत में आबादी के अनुपात में जजों की संख्या बहुत कम है। जिला एवं सत्र स्तर पर रोस्टर पर बहुत अधिक बोझ है।”
आगे उन्होंने कहा- हमारे ट्रायल कोर्ट, जिला और सत्र न्यायालय को बिना किसी भय के न्याय देने के लिए सशक्त बनाने की आवश्यकता है। न्यायपालिका में यह विश्वास पैदा किया जाना चाहिए कि उनके फैसले उनके खिलाफ नहीं होंगे। वे न्यायप्रणाली की रीढ़ की हड्डी हैं। मैंने अपने करियर में शायद ही उस स्तर पर जमानत मिलते देखी हो।”
कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस मौके पर कहा- ” मेरा ये मानना है कि जिला न्यायालय हमारी न्यायपालिका का दर्पण है और इन्ही के माध्यम से आम जनता अपने मन में न्यायपालिका की छवि का निर्माण करती है। ये चारो ओर एक सकारात्मक वातावरण का निर्माण करते हैं जो कि प्रत्येक कार्य के लिए जरूरी है।”