नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) या किसी अन्य राष्ट्रीय परीक्षाओं में आवेदन के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आधार मामलों की सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश सुनाया।
संविधान पीठ का यह आदेश उस वक्त आया जब एक याचिका में उठाये गये इस बिंदु पर बहस के दौरान एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने न्यायालय को बताया कि सरकार ने नीट में पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य बनाने का कोई आदेश केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को दिया है। न्यायालय ने कहा कि अभ्यर्थी मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक खाता आदि का इस्तेमाल इसके लिए कर सकते हैं।
गुजरात के आबिद अली पटेल ने नीट 2018 के आवेदन में आधार को अनिवार्य किये जाने के खिलाफ याचिका दायर की है। आबिद अली ने अपनी याचिका में कहा है कि शीर्ष अदालत में पहले से ही आधार की अनिवार्यता पर सुनवाई हो रही है, ऐसे में आधार को किसी भी परीक्षा के आवेदन के लिए अनिवार्य कैसे किया जा सकता है?
सर्वोच्च न्यायालय पहुंचने से पहले आबिद अली ने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था। नीट में शामिल होने के लिए आवेदन की अंतिम तारीख नौ मार्च है।