किसी भी व्यक्ति को टीकाकरण के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, ये कहना है सुप्रीम कोर्ट का। इसके अलावा कोर्ट ने वैक्सीनेशन के दौरान प्रतिकूल प्रभावों के डेटा को सार्वजनिक करने की भी बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, टीकाकरण के लिए किसी भी व्यक्ति को मजबूर नहीं कर सकती सरकार#SupremeCourt #Vaccinationhttps://t.co/szA8Txwa4O
— Dainik Jagran (@JagranNews) May 2, 2022
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक़ कोर्ट मौजूदा वैक्सीन नीति को अनुचित और स्पष्ट रूप से मनमाना नहीं कहा जा सकता है। सरकार नीति बना सकती है और जनता की भलाई के लिए कुछ शर्तें लगा सकती है। सुप्रीम कोर्ट का ये भी कहना है कि कुछ राज्य सरकारों द्वारा लगाई गई शर्त, सार्वजनिक स्थानों पर गैर-टीकाकरण वाले लोगों की पहुंच को प्रतिबंधित करने वाले संगठन आनुपातिक नहीं हैं। ऐसे में वर्तमान मौजूदा परिस्थितियों में वापस बुलाए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कोविड वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों पर डेटा सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया है।