नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन के नेता शैख़ इब्राहीम ज़कज़की की ग़ैर क़ानूनी हिरासत को साढ़े तीन साल गुज़र जाने के बाद और उनको स्वतंत्र करने के न्यायालय के आदेश के बावजूद इस वरिष्ठ धर्मगुरु की हालत बहुत ही चिंताजनक बताई जा रही है।
नाइजीरिया के वरिष्ठ धर्मगुरु शैख़ इब्राहीम ज़कज़की के होने वाले नये टेस्ट से उनके ख़ून में ज़हर मिलने का पता चला है और इससे पता चलता है कि जेल में ही उन्हें ज़हर दे दिया गया। शैख़ ज़कज़की के ख़ून के नमूनों में सीसा और कैडमियम की ज़हरीली धातु के चिन्ह देखे गए हैं।
शैख़ इब्राहीम ज़कज़की और उनकी पत्नी की हालत ख़राब होने के बाद नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन ने एक बार फिर उनकी स्वतंत्रता की मांग की किन्तु कादूना राज्य की अदालत ने उनकी स्वतंत्रता का निर्देश नहीं दिया। आयतुल्लाह शैख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी 13 दिस्मबर 2015 से जेल में हैं। 2015 में नाइजीरिया के सैनिकों ने शैख़ ज़कज़की के घर और इमामबाड़े पर हमला करके सैकड़ों शिया मुसलमानों का जनसंहार कर दिया था।
दिसम्बर 2016 में नाइजीरिया की सर्वोच्च अदालत ने शैख़ ज़कज़की को तुरंत रिहा करने और उनके परिवार को 1 लाख 50 हज़ार डॉलर का मुआवज़ा दिए जाने का आदेश जारी किया था, लेकिन इस देश की सरकार और सेना ने अदालत के आदेश की अवहेलना करते हुए उन्हें अभी तक जेल में क़ैद कर रखा है।
Midnight Free Zakzaky Processions Across The Country As Reports Of News Of The Sheikh's Deteriorating Health Situation Filter Out – Reflection-Online https://t.co/l7jZjx2aKY
— AbalMuhsin (@abal_muhsin) June 29, 2019
नाइजीरिया की जनता शैख़ इब्राहीम ज़कज़की और उनकी पत्नी की स्वतंत्रता के लिए निरंतर प्रदर्शन कर रही है। नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन ने 28 जून को एक बयान जारी करके कहा कि आयतुल्लाह शैख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी की हालत चिंताजनक है। बयान में कहा गया है कि शैख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी को उपचार के लिए जेल से न निकलने देना, मानवाधिकार का खुला उल्लंघन है।