गाजा युद्ध के सात महीने होने वाले हैं लेकिन इज़राइल अभी तक हमास की कैद से बंधकों को रिहा नहीं करा पाया है। इस्राइल का इरादा अब राफा पर हमले का है। लेकिन इस बीच नेतन्याहू पर युद्ध रोकने के अंतरराष्ट्रीय दबाव ने उनके लिए मुश्किल पैदा कर दी है।
बेंजामिन नेतन्याहू की सहयोगी पार्टियों ने चेतावनी दी है कि अगर राफा पर हमला रोका गया तो वे नेतन्याहू सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे। इन हालत में नेतन्याहू सरकार का गिरना तय है।
युद्धविराम वार्ता के लिए हमास के प्रतिनिधि मिस्र की राजधानी काहिरा में हैं और मध्यस्थों की पूरी कोशिश है कि इज़राइल और हमास के बीच युद्धविराम की बातचीत जल्द शुरू हो। इस्राइल में भी बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन रफ़्तार पकड़ रहे हैं।
Hamas delegation due in Cairo on Monday for Gaza ceasefire talks #MonitorUpdates https://t.co/kUyDdJ3nSZ
— Daily Monitor (@DailyMonitor) April 29, 2024
अपनी रणनीति के तहत इज़राइली सेना राफा शहर पर हमले की तैयारी कर चुकी है। मिस्र सीमा पर स्थित राफा शहर में बड़ी संख्या में गाजा शरणार्थी पनाह लिए हैं। ऐसे में अगर इज़राइली सेना राफा पर हमला करती है तो बड़ी संख्या में आम नागरिकों की जान को भी खतरा है।
एक ओर इज़राइल हमले से पीछे हटने को तैयार नहीं और दूसरी तरफ अमरीका उस पर युद्धविराम का दबाव बना रहा है। इज़राइल का दावा है कि हमास की चार बटालियन राफा शहर में मौजूद हैं। नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के साथ घरेलू मोर्चे पर भी युद्धविराम का दबाव बढ़ रहा है।
इन हालत में नेतन्याहू के लिए आगे कुआँ और पीछे खाई के आसार बनते जा रहे हैं। दरअसल उनकी सहयोगी दक्षिणपंथी पार्टी के नेता और इस्राइल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने पीएम नेतन्याहू से राफा में जमीनी हमला करने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अपने सभी लक्ष्यों को हासिल किए बिना युद्ध रोकने का कोई सवाल ही नहीं है। इजरायली प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने राफा पर हमला करने की बात कही है।
Netanyahu vows to invade Rafah ‘with or without a deal’ as cease-fire talks with Hamas continuehttps://t.co/Hapo9f7HCW pic.twitter.com/HMnGTIy6TL
— The Washington Times (@WashTimes) May 1, 2024
स्मोट्रिच के मुताबिक़ युद्धविराम, इज़राइल की हार होगी। ऐसा होने पर वह नेतन्याहू के सरकार में बने रहने के पक्ष में नहीं है। इस बीच मध्यमार्गी नेता सरकार से अपील कर रहे हैं कि बंधकों की रिहाई ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसके लिए युद्धविराम होना चाहिए।
गौरतलब है कि करीब 130 बंधक आज भी हमास के कब्जे में हैं। इन बंधकों के परिजन सरकार की आलोचना कर रहे हैं। इस युद्ध के चलते हजारों इज़राइली नागरिक विस्थापित जीवन जीने को मजबूर हैं। इज़राइली नागरिक इसे सरकार की विफलता कह रही है।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय द्वारा इज़राइल के खिलाफ जांच में इज़राइली पीएम नेतन्याहू के खिलाफ आरोप लग सकते हैं। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता केरीन जीन पिएरे इस सम्बन्ध में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की जांच के विरोध की बात कह रही हैं। साथ ही अमरीका का कहना है कि उनका फोकस युद्धविराम कराने के साथ बंधकों की रिहाई पर है।