एनटीए का कहना है कि नीट की परीक्षा फिर से कराई जाएगी और उसके बाद काउंसलिंग होगी। इस मामले में कोर्ट ने ग्रेस मार्क्स को हटाने का आदेश दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पिछले रिज़ल्ट की काउंसलिंग जारी रहेगी।
एनटीए की तरफ से री-एग्जाम का फैसला उन छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है जिन्हे ग्रेस मार्क्स से एतराज़ था। अब ये छात्र एक बार फिर से परीक्षा दे सकेंगे।
एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि नीट-यूजी 2024 में जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं उनके स्कोरकार्ड रद्द किए जाएंगे और इन स्टूडेंट्स को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जा रहा है।
नीट (यूजी) 2024 परीक्षा के रिज़ल्ट को लेकर चल रहे विवाद में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर आज फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक़, अब छात्र री-एग्जाम में 23 जून को शामिल हो सकते हैं या फिर ग्रेस मार्क्स बिना मार्कशीट के साथ काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं। एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पेपर लीक का मामला कोर्ट के समक्ष नहीं है।
अब ये छात्र या तो 23 जून को होने वाले री-एग्जाम में सम्मिलित हो सकते हैं या फिर ग्रेस मार्क्स बिना मार्कशीट के साथ काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि काउंसलिंग जारी रहेगी और इस पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी। साथ ही कोर्ट का यह भी कहना है कि री-एग्जाम होने पर काउंसलिंग पूरी तरह से नई सिरे से होगी।
मामले में कई छात्रों ने ग्रेस मार्क्स दिए जाने के फैसले का विरोध किया था। इन छात्रों का मानना था कि यह नियम उनके साथ अन्याय कर रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ग्रेस मार्क्स को लेकर उठ रहे विवादों को ख़त्म कर देगा।
इस बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि इस मामले में कोई करप्शन नहीं हुआ है। मामले की जांच के बाद दोषियों को कड़ी सजा देने की बात भी कही गई है। फिलहाल ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले से छात्रों के लिए एक नया मौका मिलेगा।