नई दिल्ली। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनसएसजी) में भारत की सदस्यता के प्रयासों को सोल की बैठक में चीन ने सबसे गहरा धक्का दिया। पड़ोसी के अड़ियल रुख के कारण ही हिंदुस्तान एनएसजी देशों में शामिल नहीं हो सका, वहीं अब जापान ने यह कहकर चीन को बड़ा झटका दिया है कि भारत की सदस्यता और एनएसजी में मौजूदगी से परमाणु अप्रसार को बढ़ावा में मदद मिलेगी। सोल बैठक के बाद पहली बार जापान ने इस मुद्दे पर आधिकारिक टिप्पणी की है। जापानी विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, ‘हम एनएसजी में सदस्यता को संभव बनाने के लिए भारत के साथ लगातार काम कर रहे हैं।’
जापानी विदेश मंत्रालय में प्रेस एंड पब्लिक डिप्लोमेसी के महानिदेशक यासुकिरा कावमोरा ने कहा, ‘हम इस मुद्दे पर भारत के साथ काम करते रहना चाहते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि भारत की सदस्यता से परमाणु अप्रसार व्यवस्था को ताकत मिलेगी। जापान एनएसजी के दूसरे सदस्य देशों के साथ इस मुद्दे पर लगातार बातचीत करता रहेगा।’ कावमोरा ने आगे कहा कि भारत की सदस्यता रोकने को लेकर चीन रवैये से सभी वाकिफ हैं। जापान इस मुद्दे पर एनएसजी के अंदर हुई बातचीत पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा, ‘मुख्य मुद्दा आम राय बनाने को सुनिश्चित करना है और हम इस पर काम कर रहे हैं।’ बता दें कि कावमोरा कुछ साल पहले दिल्ली में जापान के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के रूप में भी काम कर चुके हैं।