नई दिल्ली : पंजाब विधानसभा चुनावों ने कांग्रेस को खुश होने का एक मौका दे दिया है. एग्जिट पोल में कांग्रेस को 62 से 71 तक सीटें मिल रही हैं. Navjot
वहीं आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर की पार्टी बनती हुई दिख रही है तो वहीं अकाली दल और बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है, गठबंधन को 4 से 7 सीटें मिल रही हैं. Navjot
अब सवाल उठता है कि अगर एग्जिट पोल सही साबित हुए तो इसके पीछे वजह क्या होगी… क्या कांग्रेस के लिए सिद्धू फैक्टर काम कर गया या फिर यह महज एंटी इनकंबेंसी भर है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक पंजाब में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 42 से 51 सीटें मिल रही हैं. पंजाब में सरकार बनाने के लिए 59 सीटों का जादुई आंकड़ा छूना होता है.
एग्जिट पोल उस हिसाब से कांग्रेस को सत्ता सौंपते नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की राय है कि अगर केजरीवाल ने चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू की शर्तें मान ली होतीं तो ये आंकड़े कुछ और होते.
चुनावी पिच पर चौके-छक्के लगाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब चुनाव से पहले एक मास्टर स्ट्रोक लगाया था. पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ी फिर उनके अरविंद केजरीवाल के साथ जाने की खबरे चलीं, फिर उन्होंने ‘आवाज-ए-पंजाब’ की घोषणा की.
उसके बाद अंत में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा. सिद्धू क्रिकेट के तो मंझे हुए खिलाड़ी थे ही इन चुनावों में उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि वे अब राजनीति के भी परिपक्व खिलाड़ी बन चुके हैं. जिस तरह क्रिकेट में बल्लेबाज आने वाली गेंद भांप लेता है ठीक उसी तरह सिद्धू ने भी पंजाब राजनीति की हवा भांप ली थी.