देश भर में पक्षी प्रेमी हर वर्ष आज के दिन यानी 5 जनवरी को राष्ट्रीय पक्षी दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन को मनाने का मक़सद पारिस्थितिकी तंत्र में पक्षियों के महत्व के बारे में जानना और आम जन को उसके प्रति जागरूक करना है। इसके अलावा पक्षियों के प्रति नैतिक व्यवहार से जुड़ी बातों को भी लोगों तक पहुँचाने का प्रयास किया जाता है। इस तरह से आज का दिन उन चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पक्षियों की सुरक्षा के लिए प्रयास करने का दिन है।
हर वर्ष इस दिन के लिए एक थम भी रखी जाती है। साल 2025 के राष्ट्रीय पक्षी दिवस की थीम है- ‘हमारे पंखों वाले दोस्तों की सुरक्षा’ (Protecting Our Feathered Friends)। इस थीम से संदेश मिलता है कि प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए पक्षियों को संरक्षित करें।
राष्ट्रीय पक्षी दिवस के लिए इस विशेष दिन का चुनाव किए जाने के पीछे का कारण यह है कि 5 जनवरी वार्षिक “क्रिसमस बर्ड काउंट” का दिन भी है। हालाँकि इसकी शुरुआत अमरीका से हुई थी मगर साल 2002 में अपने उद्घाटन समारोह के बाद से प्रतिवर्ष 5 जनवरी को मनाया जा रहा है।
पहली बार बोर्न फ्री यूएसए और एवियन वेलफेयर ने 2002 में पक्षी दिवस मनाया था। साल 2023 में यह सिर्फ किसी एक देश में नहीं, बल्कि कई देशों में राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाने लगा। हर दिन मशीनी होती दुनिया में पक्षियों से लगाव का परिणाम है कि आज विश्व के ज़्यादातर देशों में राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि धरती पर पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। इस समय विश्व की तक़रीबन 10,000 पक्षी प्रजातियों में 1,480 से अधिक विलुप्त होने का खतरा झेल रही हैं। इस समय गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की संख्या 223 है। इसके आलावा पक्षियों की संख्या में आने वाली गिरावट चौंकाने वाली है।
पक्षियों के अस्तित्व को खतरा पहुँचाने के पीछे मानव गतिविधियों का बड़ा हाथ है। इन कारणों पर निगाह डालें तो जलवायु परिवर्तन सबसे बड़े मुद्दे के रूप में सामने आता है। इसके अलावा पक्षी के आवासीय स्थलों का कम हो जाना, हर दिन पैर फैलाते कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स, प्रदूषण, जल स्रोतों का घटना, रसायन और कीटनाशक का बढ़ता प्रयोग ध्वनि और वायु प्रदूषण ऐसे कारक हैं जो पक्षियों के जीवन को जोखिम में डालते हैं और हमारे इको सिस्टम को बिगाड़ने का काम करते हैं।
क्योंकि पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसलिए ज़रूरी है कि हम उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके पास पनपने के लिए स्वस्थ प्रकृति हो।