नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट का दूसरा विस्तार किया गया है। 10 राज्यों से 19 नये चेहरों को मंत्रीमंडल में शामिल किया गया है। कैबिनेट विस्तार में प्रकाश जावडेकर का प्रोमोशन हुआ। उन्हें राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया। बीजेपी के प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर ने भी राज्य मंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र के बड़े दलित नेता और आरएलएसपी अध्यक्ष रामदास आठवले को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। यूपी से तीन मंत्रियों को शामिल किया गया है। शाहजहांपुर से बीजेपी सांसद कृष्णा राज, मिर्जापुर से अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल और चंदौली से बीजेपी सांसद डॉ महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने राज्यमंत्री की शपथ ली।
इसके अलावा राजस्थान से राज्यसभा सांसद विजय गोयल और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अनिल माधव दवे को राज्यमंत्री बनाया गया है। मोदी मंत्रीमंडल में असम के नौगांव से बीजेपी सांसद राजेन गोहने, चौथी बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचने वाले कर्नाटक के बड़े नेता रमेश चंदप्पा, दार्जिलिंग से सांसद, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान भी मंत्री रह चुके एसएस अहलूवालिया, मध्य प्रदेश से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, यूपी के शाहजहांपुर से सांसद कृष्णा राज, उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा, गुजरात से ग्रामीण विकास मंत्री रहे जसवंस सिंह भाभोर, बीजापुर से 5 बार के सांसद रमेश चंदप्पा, मध्य प्रदेश से राज्यसभा सासंद और नर्मदा नदी संरक्षण में सक्रिय अनिल माधव दवे को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। गुजरात से बीजेपी के राज्यसभा सांसद पुरुषोत्तम रुपाला, गुजरात के दाहोद से बीजेपी सांसद जसवंत सिंह भांभोर, यूपी के चंदौली से बीजेपी सांसद डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, उत्तराखंड के अलमोड़ा से बीजेपी सांसद अजय टम्टा को भी राज्य मंत्री बनाया गया है। इनके साथ ही राजस्थान के बीकानेर से सांसद अर्जुन मेघवाल को मंत्री बनाया गया है। इससे पहले मेघवाल शपथ ग्रहण के लिये साइकल से राष्ट्रपति भवन के लिये निकले।
इसके अलावा पांच राज्य मंत्रियों को मोदी मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। निहाल चंद, राम शंकर कठेरिया, सांवर लाल जाट, मनसुखभाई वासव और एमके कुदरैय्या को हटा दिया गया। लंबे समय से केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव का इंतजार किया जा रहा था। मई 2014 में सरकार बनने के बाद पिछला और इकलौता फेरबदल नवंबर 2014 में हुआ था। इस बदलाव से पहले मोदी ने कहा कि इसे फेरबदल नहीं, विस्तार कहिए।