एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि देश में अपरहण के मामलों में 19.9% का इजाफा हुआ। अपहरण के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए। एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2021 के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में आपराधिक घटनाओं में 7.6% की कमी आई। जबकि इस बीच हत्या, अपहरण, महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ा है। अपराध के मामलों में ऐसी और एसटी के खिलाफ भी इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ 2021 में देशभर में कुल 1,01,707 अपहरण के मामले दर्ज किये गए है। औसत के हिसाब से प्रतिदिन 278 से ज्यादा अपहरण की वारदातें अंजाम दी गई है। 2020 आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 19.9% का इजाफा हुआ। सबसे ज्यादा अपहरण के मामले उत्तर प्रदेश में सामने आये हैं।
उत्तर प्रदेश में इस वर्ष 14,554 अपहरण की घटनाएं दर्ज हुईं है जो 2020 के मुकाबले करीब 13 फीसदी अधिक हैं। महाराष्ट्र में अपहरण के 10,502 मामले दर्ज हुए। महाराष्ट्र के बाद अपहरण के सबसे अधिक मामले बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में दर्ज किये गए हैं।
पिछले साल रोज़ाना 8 बच्चों की तस्करी की गई, विशेषज्ञों ने कड़े क़ानून की वकालत की #NCRB #childtrafficking #एनसीआरबी #बच्चोंकीतस्करीhttps://t.co/9GcdoisuoX
— द वायर हिंदी (@thewirehindi) September 2, 2022
एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि देश में हर दिन 80 हत्याएं हुईं है। इस वर्ष में उत्तर प्रदेश महिलाओं पर सर्वाधिक अपराध के मामले में सबसे आगे रहा है। वर्ष 2021 में देश में कुल 29,272 हत्याएं हुईं। इस हिसाब से देश में प्रतिदिन 80 से अधिक हत्याएं हुईं। 2020 के मुकाबले हत्या के मामलों में 0.3% बढ़ोत्तरी देखने को मिली।
राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं। यहां 2021 में कुल 3,717 हत्याएं हुईं। मगर 2020 के मुकाबले उत्तर प्रदेश में हत्या के मामलों में करीब 1.6% की कमी आई है। इसके बाद बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं।
गुजरात में लगातार दूसरे साल हिरासत में मौतों के सर्वाधिक मामले: एनसीआरबी डेटा #Gujarat #CustodialDeaths #NCRB #गुजरात #हिरासतमेंमौतें #एनसीआरबीhttps://t.co/4R7rfxsIOm
— द वायर हिंदी (@thewirehindi) August 31, 2022
अन्य कैटेगरी के अपराध का जायज़ा लें तो आर्थिक अपराध के मामले पिछले साल 19.4% ज़्यादा रहे हैं। इस बीच साइबर क्राइम में भी 5.9 फीसदी वृद्धि हुई है। मानव तस्करी के मामलों में 27.7 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई जबकि बच्चों के लापता होने के मामलों में 30.8 फीसदी का इजाफा हुआ।