धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाले विवादित नागरिकता क़ानून सीएए को लेकर बीजेपी के मुस्लिम नेत पार्टी छोड़ रहे हैं।सीएए को लेकर मुस्लिम नेताओं की नाराज़गी और पार्टी छोड़ने पर मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने प्रतिक्रिया जताई है।
नक़वी का कहना है कि उनकी पार्टी ने अपने यहां “नो एक्ज़िट” या “नो एंट्री” का बोर्ड नहीं लगा रखा है।
उनका कहना था कि “बीजेपी एक बड़ी राजनीतिक पार्टी है। लोग पार्टी में आते हैं और जिन लोगों की पार्टी में रहने की इच्छा नहीं होती, वे चले भी जाते हैं।”उन्होंने इस बात से इंकार किया कि भाजपा अपनी ही पार्टी के मुस्लिम नेताओं को समझाने में असफल रही है कि सीएए भेदभाव करने वाला क़ानून नहीं है।
ग़ौरतलब है कि सीएए को संविधान विरोधी और भेदभाव वाला क़ानून बताते हुए इंदौर नगर निगम में बीजेपी के इकलौते मुस्लिम पार्षद उस्मान पटेल ने पार्टी से 40 साल पुराना नाता तोड़ने की घोषणा कर दी है। इससे पहले, सीएए के ख़िलाफ़ बीजेपी के क़रीब 80 अन्य मुस्लिम नेताओं ने पिछले महीने पार्टी से नाता तोड़ लिया था।
नक़वी ने सीएए का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग भारतीय मुसलमानों की नागरिकता को लेकर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं, वे विकृत मानसिकता से पीड़ित हैं। यह लोग समाज के एक बड़े तबक़े को प्रगति पथ से अलग-थलग रखने के पाप और षडयंत्र में लगे हैं।”