पुणे : मुंबई में तीन महीने के एक बच्चे ने मौत को ऐसी मात दी कि लोग उसे ‘मिरेकल बेबी’ पुकार रहे हैं. अपनी पैदाइश के साथ ही दिल में छेद लेकर पैदा हुए आराध्य की सांसें एक ऑपरेशन के दौरान 45 मिनट तक रुकी रहीं. इसके बावजूद मुंबई के एक अस्पताल के डॉक्टरों की दिलेरी की बदौलत अब वो एक नई जिंदगी जी रहा है. Miracle baby
तीन महीने का आराध्य अब आम बच्चों की तरह रह रहा है, लेकिन आराध्य आम बच्चों की तरह इस दुनिया में नहीं आया था.
एक गरीब परिवार में जन्मे आराध्य के पैदा होने के साथ ही उसके दिल में छेद होने की बात पता चली थी.
आराध्य की जान एक सफल ऑपरेशन से ही बच सकती थी.
ऐसे में उसके माता-पिता उसे लेकर मुंबई चले आए और यहां के बाई जेरबाई वाडिया बाल अस्पताल के डॉक्टरों ने 26 घंटे के एक ऑपरेशन के बाद आराध्य को एक नई जिंदगी दी.
ये सब कुछ डॉक्टरों के लिए भी इतना आसान नहीं था. आराध्य के दिल में छेद होने की बात उसके जन्म से पहले ही पता चल चुकी थी.
इसके बावजूद उसके माता-पिता ने उसे जन्म देने का फैसला किया था. आराध्य ब्लू बेबी सिंड्रोम से ग्रसित था. ये सिंड्रोम 6 माह से कम उम्र के बच्चों में पाए जाते हैं, जिसमें उनका दिल गर्भावस्था में ठीक से विकसित नहीं हो पाता.
नतीजतन उनके दिल शरीर को जरूरत के मुताबिक ना तो खून सप्लाई कर पाते हैं और ही ऑक्सीजन. ऐसे बच्चों की त्वचा, खासकर होंठ के अगल-बगल के हिस्से और उंगलियों का रंग ऑक्सीजन की कमी की वजह से नीला हो जाता है.
वाडिया अस्पताल के डॉक्टरों ने आराध्य को बचाने के लिए ऑपरेशन का फैसला तो कर लिया, लेकिन उनकी भी उम्मीदें उस समय टूटने लगी जब आराध्य की सांसें 45 मिनट तक रुकी रही.
हालांकि डॉक्टरों के प्रयास से आराध्य को आज एक नई जिंदगी मिली है. आराध्य अब आम बच्चों की तरह ही एक सामान्य ज़िंदगी जी सकता है.
वो ऐसे हालात से जीवित बाहर निकला है, जहां से कम ही बच्चे वापस आ पाते हैं. इसलिए लोग आराध्य को ‘मिरेकल बेबी’ बुला रहे हैं.