मुंबई। भारतीय उपभोक्ता बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाले प्रॉडक्ट के सीईओ को कौन नही जनता। MDH मसाले के हर पैक पर 94 साल के धरमपाल गुलाटी को पगड़ी पहने हुए आपने जरूर देखा होगा। Mdh
पांचवीं पास इस शख्स ने पिछले वित्तीय वर्ष में 21 करोड़ रुपए की कमाई की जो गोदरेज कंज्यूमर के आदि गोदरेज और विवेक गंभीर, हिंदुस्तान यूनिलीवर के संजीव मेहता और आईटीसी के वाईसी देवेश्वर की कमाई से भी ज्यादा है।
उनकी कंपनी ‘महाशियां दी हट्टी’ MDH के नाम से ज्यादा लोकप्रिय है, MDH ने इस साल कुल 213 करोड़ रुपए का लाभ कमाया।
इस कंपनी की 80 परसेंट हिस्सेदारी गुलाटी के पास है।
धरमपाल गुलाटी 60 साल पहले MDH शुरू किया था। उनके काम करने के पीछे यह प्रेरणा रहती है कि उपभोक्ताओं को कम से कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता का उत्पाद मुहैया करवाया जाए।
वे अपनी सैलरी का 90 परसेंट हिस्सा चैरिटी में देते हैं। गुलाटी को दादा जी या महाशयजी के नाम से भी जाना जाता है। उनकी पहचान एक ऐसे मेहनती उद्यमी के तौर पर है जो फैक्टरी, बाजार और डीलर्स का नियमित दौरा करते हैं।
जब तक उनको इस बात की तसल्ली नहीं मिल जाती है कि कंपनी में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, उन्हें चैन नहीं पड़ता है। वह हर रविवार को भी फैक्टरी में जाते है।
1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में एक छोटी सी दुकान खोलने वाले चुन्नीलाल ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा धरमपाल इस छोटी सी दुकान को 1500 करोड़ रुपए के साम्राज्य में तब्दील कर देगा।
गुलाटी के इस करोड़ों के साम्राज्य में मसाला कंपनी, करीब 20 स्कूल और एक अस्पताल शामिल है। देश के विभाजन के बाद गुलाटी दिल्ली के करोलबाग आकर बस गए थे और तब से वह भारत में 15 फैक्टरियां खोल चुके हैं जो करीब 1000 डीलरों को सप्लाई करती हैं।
MDH के पुरे देश में नही दुबई और लंदन में भी ऑफिस हैं। यह मसाला कंपनी लगभग 100 देशों को अपने उत्पाद निर्यात करती है।