लखनऊ : दलित वोट बैंक के सहारे चुनावी संभावनाएं तलाशने वाली और आरक्षण की पुरजोर वकालत करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने आज (शनिवार को) भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वे दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। Mayawati
मायावती ने संघ और भाजपा को चेताया और कहा, ‘‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों को इन वर्गों के आरक्षण को खत्म करने की बार-बार बंदर घुड़की देने की बात बंद करनी चाहिए।’’
उन्होंने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश को विशेषकर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के मसीहा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ की तरह बर्ताव करने वाले भाजपा और उनके नीति निर्धारक आरएसएस तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इन वर्गों के मामले में जातिवादी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुए कहना चाहती हूं कि इन वर्गों के लोगों को अंबेडकर के अथक प्रयासों से संविधान में आरक्षण और जो अन्य कानूनी अधिकार मिले, वो उनका संवैधानिक अधिकार है।’’
मायावती ने कहा कि इस अधिकार को कोई सरकार खासकर भाजपा और उसकी कंपनी के लोग तथा आरएसएस के लोग भी नहीं छीन सकते।
अगर आरक्षण खत्म करने के लिए मोदी सरकार कानून बनाती है तो इन वर्गों के लोग उसे हमेशा के लिए राजनीति करना भुला देंगे। गौरतलब है कि जयपुर साहित्योत्सव में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कल (शुक्रवार को) आरक्षण व्यवस्था की फिर से समीक्षा करने की वकालत की थी।
उन्होंने कहा था कि अगर आरक्षण व्यवस्था जारी रही तो इससे अलगाववाद को बल मिलेगा। इसके बाद बसपा, राजद समेत कांग्रेस ने भी मनमोहन वैद्य के बयान की कड़ी आलोचना की।
बता दें कि बिहार चुनाव से पहले भी संघ प्रमुख मोहन बागवत ने आरक्षण खत्म करने की बात कही थी, इसका खामियाजा भाजपा को बिहार विधान सभा चुनाव में हार के रूप में भुगतना पड़ा था।