लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने सीएम अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, कि ‘सपा परिवार के विवाद में उलझे सीएम को पारिवारिक कलह और घमासान से समय निकालकर जनहित के कामों पर भी ध्यान देना चाहिए।’ उन्होंने डेंगू को लेकर हाईकोर्ट के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए कहा है कि डेंगू को तत्काल महामारी घोषित करना चाहिए। mayawati attack
मायावती ने शुक्रवार को जारी एक बयान में सपा सरकार पर जनकल्याण के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, ‘डेंगू ने महामारी का रूप ले लिया है। इस कारण हाईकोर्ट को अब इस मामले में सीधे तौर पर दख़ल देने को मजबूर होना पड़ा है। कोर्ट में केवल यह मान लेना काफी नहीं है कि डेंगू से निपटने के मामले में ढिलाई व लापरवाही बरती गई है, बल्कि इसके लिए प्रभावी कार्रवाई करने की जरूरत है और दोषी लोगों के खिलाफ सख़्त क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने कोर्ट में माना है कि डेंगू से अब तक 113 मौतें हुई हैं। केवल राजधानी लखनऊ में डेंगू से 219 मौतों की खबर है। बसपा मुखिया ने कहा है कि कानून-व्यवस्था के साथ जनहित के मामले में सरकार घोर लापरवाह है। चुनावी लाभ के लिए कोरी घोषणा और शिलान्यास के कार्यक्रमों में ही व्यस्त है।
मायावती ने कहा है कि चुनाव नजदीक है तो ‘उलझे’ मुख्यमंत्री समाज के विभिन्न वर्गों को लुभाने के लिए नाटकबाज़ी कर रहे हैं। इसीलिए अनेकों घोषणायें कर रहे हैं। ग्राम प्रधानों का मानदेय 2,500 से 3,500 करने की घोषणा और मध्यान भोजन के अन्तर्गत स्कूली बच्चों को सपा सरकार की प्रचार सामग्री के तौर पर खाने का बर्तन देना पूरी तरह से सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास है। मायावती ने सपा सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि ‘क्या ऐसे काम पहले करके उनको लागू नहीं करवा सकते थे? चुनाव में अपनी कुर्सी जाते हुए देखकर सीएम आए दिन बड़े-बड़े आर्थिक फैसले ले रहे हैं। बसपा सरकार में उनके फैसलों की जांच जरूर कराई जाएगी।’
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