राहुल गांधी के सामने पार्टी की राज्य इकाइयों में गुटबाजी को समाप्त करने और सभी को एकजुट करने की भी चुनौती होगी। राहुल के सामने कांग्रेस के पुराने नेताओं और युवा नेताओं के बीच संतुलन बनाने की भी चुनौती होगी। कांग्रेस वर्तमान में 5 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता में है और पार्टी गुजरात के साथ अगले साल कर्नाटक में हारती है तो उसके लिए 2019 में वापसी करना खासा मुश्किल हो सकता है। बतौर लोकसभा सांसद राहुल का यह तीसरा कार्यकाल है।