गांधी के सामने 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक बड़ा विपक्ष तैयार करने की भी चुनौती होगी। उन्हें मोदी के खिलाफ लड़ने के लिए विभिन्न पार्टियों के समर्थन के साथ खुद को एक विकल्प के रूप में पेश करना होगा। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल कांग्रेस का चेहरा रहे थे।
विदेशों में अपनी कुछ लंबी यात्राओं के चलते गांधी को एक अनिच्छुक राजनेता के रूप में माना जाता था। साथ ही पार्टी प्रमुख की भूमिका में देरी, यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं संभालने और कुछ मुद्दों पर उचित तरीके से प्रतिक्रिया न करने से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।