कोटा, 03 अगस्त : राजस्थान में कोटा संभाग के चारों जिलों में भरपूर बरसात का दौर आज भी जारी रहा जिसके कारण कई इलाकों के जलमग्न होने से अनेक गांवों का संपर्क अन्य से टूट गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पानी की आवक जारी रहने के कारण कुछ बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है और कुछ छोटे बांधों पर चादर चल रही है जबकि कई इलाकों में वाहनों का आवागमन भारी बरसात के कारण नदी- नालों के उफान पर होने से ठप पड गया है। कोटा जिले में कई इलाकों में जोरदार बरसात का दौर आज चौथे दिन भी जारी रहा। कोटा शहर में कई बस्तियां, सूरसागर, कंसुआ, अनंतपुरा की तालाब बस्ती,कुंहाडी की बरडा बस्ती आदि में पानी भर जाने से सैंकड़ों लोग अपने घरों में ही फंस गए हैं।
कोटा जिले में नदी- नालों के उफान पर होने के कारण कई गांव और कस्बे जलमग्न हो गए हैं अथवा पानी से घिर गए हैं जिसके कारण उनका अन्य स्थानों से जन संपर्क टूट गया है।
कोटा जिले में भारी बारिश के हालात को देखते हुए सरकारी करमचारियों-अधिकारियों को बिना सूचना मुख्यालय नहीं छोडने के आदेश दिए गए हैं। कोटा बैराज के बाद अब झालावाड़ जिले में स्थित कालीसिंध नदी में भी पानी की भारी आवक होने के कारण वहां बने एक बांध के गेट खोलकर 12 हजार क्यूसेक से भी अधिक पानी की निकासी की जा रही है।
कोटा जिले में खातोली के पास राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोड़ने के लिए पार्वती नदी पर बनी पुलिया के ऊपर से लगभग 30 फुट पानी बह रहा है जिसके कारण दोनों राज्यों के बीच में आवागमन ठप हो गया है इस इलाके में नदी- नालों के उफान पर होने के कारण कई गांव और कस्बे जलमग्न हो गए हैं अथवा पानी से घिर गए हैं जिसके कारण उनका अन्य स्थानों से जन संपर्क टूट गया है।
बूंदी जिले के तालेड़ा क्षैत्र में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थल बरधा बांध पर आज 2 इंच की चादर चल रही है। मिनी गोवा के नाम से मशहूर इस बांध पर मानसून सत्र में प्रतिदिन सैकड़ों लोग घूमने आते हैं जिले की मेज नदी पूरे उफान पर है जिससे इसके आसपास के कई गांव पानी से घिर गए हैं। हालांकि अभी किसी हादसे- नुकसान के समाचार नहीं है।
बारां नगर में आज कई आबादी क्षेत्रों में पानी भर जाने से लोगों का घरों के बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। नगर में बाढ़ के हालात के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक ने सरकारी लवाजमें के साथ आज कई इलाकों का दौरा किया और पानी की निकासी के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने पर राहत एवं बचाव के कार्य किए जा सके।