महाकुंभ 2025′ का सोमवार तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो गया। सनातन संस्कृति और धार्मिक आस्था के केंद्र से जुड़ी परम्पराओं के साथ यह वैश्विक गौरव का प्रतीक भी है।
आज से शुरू हो रहे महाकुंभ के लिए प्रयागराज में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। अनुमान के अनुसार, रविवार को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से पूर्व लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम त्रिवेणी में डुबकी लगाई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन डेढ़ महीने तक चलेगा जिसमे देश और विदेश से करीब 35 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुँचने का अनुमान है।
इस महाकुंभ में देश और दुनिया से 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। महाकुंभ का आयोजन 4 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है। यहाँ करोड़ों श्रद्धालुओं के साथ लाखों साधु-संत पहुंचे हैं। कुंभ आये श्रद्धालुओं के अलग-अलग रंग और रूप देखने को मिल रहे हैं।
बताया जा रहा है कि 144 साल बाद महाकुंभ के लिए कुछ खास संयोग बन रहा है। सोमवार 13 जनवरी से संगम नगरी प्रयागराज में शुरू हो रहे इस आयोजन में देश और विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। सुदूर और समीप से आने वाले इन श्रद्धालुओं ने अलग-अलग वेशभूषा धारण की है।
आज तीर्थराज प्रयागराज में ‘महाकुंभ 2025’ के शुभारंभ के साथ पवित्र पौष पूर्णिमा का पहला स्नान है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर रहे हैं।
अन्य व्यवस्थाओं के साथ पर्यटन विभाग की ओर से कुंभ देखने के लिए सोमवार से एक विशेष हेलीकॉप्टर यात्रा की व्यवस्थ भी की गई है। इसका किराया 1296 रुपये होगा।
यहाँ भारी संख्या में साधु संतों सहित आम जनता जिसमे महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों के अलावा बड़ी संख्या में बच्चों ने संगम में डुबकी लगाई। जानकारी के मुताबिक़, शनिवार को भी संगम में करीब 33 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
संगम पर आस्था के इस अद्वितीय दृश्य ने विदेश से आने वालों को आश्चर्यचकित कर दिया है। श्रद्धा और आस्था के इस अनुभव ने यहाँ के दृश्यों को अतुलनीय बना दिया है।
यातायात को सुचारु रखने और श्रद्धालुओं को निश्चिन्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा इस संबंध में भरपूर तैयारी की गई है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हजारों की संख्या में यहाँ जवान तैनात हैं। स्पेशल गाड़ियों की संख्या बढ़ाई गई है। संगम केसभी प्रवेश मार्गों पर भक्तों की भारी भीड़ जमा है। ऐसे में महाकुंभ में वाहनों के प्रवेश पर भी पाबंदी है।