लोकसभा चुनावों में दो चरणों के मतदान प्रतिशत के इज़ाफ़े को लेकर विपक्ष के अलावा अब और लोग भी सामने आए हैं और उन्होंने निर्वाचन आयोग को एक चिट्ठी लिखकर अपनी बात कही है।
आंकड़ों में अनिश्चितता मामले पर सिविल सोसायटी के कुछ सदस्यों ने चुनाव आयोग से मतदान प्रतिशत के आंकड़ों की पुष्टि की अपील की है। इसके लिए फॉर्म 17सी के पार्ट वन के आंकड़े वेबसाइट पर जारी करने की बात भी कही गई है।
सिविल सोसायटी के इन सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों को लेकर एक ग़ैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है।
जिन सदस्यों ने इस चिट्ठी पर दस्तख़त किये हैं उनमे एडवोकेट और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव, एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज, शबनम हाशमीवृंदा ग्रोवर, पूर्व नौकरशाह एमजी देवासहायम, सुंदर बुर्रा, देब मुखर्जी, अशोक शर्मा, अदिति मेहता, अर्थशास्त्री जयती घोष शामिल हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों के नाम लिखी गई इस चिट्ठी में कंडक्ट ऑफ़ इलेक्शंस रूल्स के नियम संख्या 49एस का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि मतदान ख़त्म होने पर पीठासीन अधिकारी को फ़ॉर्म 17सी के पार्ट वन में बूथ पर पड़े कुल वोटों का ब्योरा तैयार करना होता है और इसकी एक प्रमाणित कॉपी हरेक पोलिंग एजेंट को देनी होती है।
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग के दिन एक प्रेस नोट जारी किया था। इस प्रेस नोट के मुताबिक़, शाम सात बजे तक अनुमानित वोटर टर्न आउट 60 फ़ीसदी से ऊपर रहा है। जबकि चुनाव आयोग ने 30 अप्रैल को जो मतदान प्रतिशत के आंकड़े जारी किए, उसमें 66.14 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा दिया गया। यह आंकड़ा 11 दिन पहले दिए गए आंकड़े से छह फ़ीसदी ज़्यादा था।
चुनाव आयोग को लिखी जाने-माने लोगों ने चिट्ठी, चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए क़दम उठाने की गुज़ारिश https://t.co/ON88izQOFL
— BBC News Hindi (@BBCHindi) May 10, 2024
ऐसा ही दूसरे चरण के मतदान में भी देखने को मिला। चुनाव आयोग द्वारा 26 अप्रैल को जारी किये गए आंकड़े 60.96 फ़ीसदी मतदान बता रहे थे लेकिन 30 अप्रैल को जारी किए गए प्रेस नोट में यह मतदान प्रतिशत बढ़कर 66.71 फ़ीसदी देखने को मिला।
करीब छह फ़ीसदी मतदान प्रतिशत पर चिट्टी के माध्यम से सवाल उठाया गया है। आंकड़ों की इस अनिश्चितता को लेकर लोगों में संदेह है।
चिट्ठी के माध्यम से भारत के निर्वाचन आयोग से ये अपील की गई है कि वे इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर पहले तीन चरण में हुई वोटिंग को लेकर सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17सी के पार्ट वन की पठनीय कॉपी स्कैन करके अपलोड की जाए।
चिट्ठी में मतदान के बचे हुए चरणों के लिए कहा गया है कि इसकी जानकारी वोटिंग ख़त्म होने के 48 घंटे के भीतर इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर सार्वजनिक की जानी चाहिए। साथ ही फॉर्म 17सी के पार्ट वन की स्कैन्ड कॉपी अपलोड करने के अलावा विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्रों के हिसाब से वोटर टर्न आउट के कुल आंकड़े भी निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी किये जाने की मांग इस चिट्ठी में की गई है।
चिट्ठी में उम्मीद की गई है कि निर्वाचन आयोग इस महत्वपूर्ण मुद्दे का संज्ञान लेगा और जल्द से जल्द ज़रूरी कदम उठाएगा ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और मतदाताओं का भरोसा बढ़ाया जा सके।