हिन्दु धर्म के महत्वपूर्ण और पवित्र धार्मिक मेलों में शुमार होने वाले सबसे बड़े मेले कुंभ मेले के कार्यक्रम में पहली बार किन्नर साधुओं के नेतृत्व में लोगों ने धार्मिक कार्यक्रम अंजाम दिए।
ज्ञात रहे कि कुंभ मेला कुछ वर्षों बाद गंगा नदी के किनारे आबाद चार विभिन्न शहरों में आयोजित होता है। यह हिन्दु समुदाय का सबसे बड़ा मेला है जबकि इसे दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण मेलों और जमावड़ों में समझा जाता है।
इस मेले में हिन्दु समुदाय के लोग 13 विभिन्न संगठनों या क़ाफ़िलों के रूप भाग लेते हैं किन्तु यदि कोई इन संगठनों के अलावा भी इस धार्मिक मेले में भग लेना चाहे तो उसे रोका नहीं जाता।
इस मेले में महिला और पुरुष के 13 विभिन्न संगठनों को अखाड़ा नाम दिया जाता है किन्तु अब पहली बार इस मेले में 13वें अखाड़े द्वारा भी लोगों ने भाग लिया और इस अखाड़े की विशेषता यह थी कि इसका नेतृत्व करने वाले साधु संत किन्नर थे।
टाइम्ज़ आफ़ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि किन्नर साधूओं और संतों के नेतृत्व में किन्नर अखाड़ा द्वारा दर्जनों लोग उत्तर प्रदेश के शहर इलाहाबाद से कुंभ मेले के कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे।
रिपोर्ट के अनुसार यद्यपि कुंभ मेले आधिकारिक रूप से 15 जनवरी से शुरु होगा और यह जारी वर्ष 4 मार्च तक जारी रहेगा किन्तु इस मेले के आरंभ से पहले वाले धार्मिक कार्यक्रम में किन्नर साधूओं के अगुवाई में लोगों ने पूजा अर्चना की। रिपोर्ट में बताया गया है कि लोगों ने किन्नर साधु व संतों का स्वागत किया और देखते ही देखते इनके इर्द गिर्द भीड़ जमा हो गयी।
इस अवसर पर किन्नर आखाड़ा के प्रमुख और किन्नर साधू लक्ष्मी नरायण त्रिपाठी का कनहा है कि उन्होंने अपने संघर्ष से कई सफलताएं अर्जित कीं और अब सामाजिक स्तर पर अन्य सफलताएं प्राप्त करने का समय आ गया है और कुंभ में भाग लेना इसी क्रम का एक हिस्सा है।