बेंगलुरू : कर्नाटक के पूर्व सीएम और यूपीए सरकार में फॉरेन मिनिस्टर रहे एसएम कृष्णा ने कांग्रेस छोड़ी। रविवार को कृष्णा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उन्होंने इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। Krishna
पार्टी से नाराज दिख रहे कृष्णा ने कहा कि कांग्रेस को अब जनता से जुड़े नेताओं की नहीं बल्कि मैनेजर्स की जरूरत है जो सिचुएशन को हैंडल कर सकें। हालांकि, उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया।
कर्नाटक के पूर्व सीएम ने कहा- मेरा फैसला सेल्फ रिस्पेक्ट और खुद के गौरव से जुड़ा है।
इस पर फिर से विचार नहीं करूंगा। मैंने दुखी होकर ये डिसीजन लिया है।
मैं 46 साल तक पार्टी से जुड़ा रहा लेकिन अब मेरे लिए यहां रहना सम्मान की बात नहीं है। कृष्णा दो साल से पार्टी में किनारे कर दिए गए थे।
न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने बताया कि पार्टी से किनारा कर दिए जाने के कारण ही उन्होंने छोड़ने का फैसला लिया।
कृष्णा 1968 में पहली बार सांसद बने थे।
वह इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों के साथ काम कर चुके हैं। साल 1999 में उन्होंने कांग्रेस को कर्नाटक में जीत दिलाई और फिर 2004 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। -कृष्णा महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
कृष्णा से जब यह पूछा गया कि क्या उन्होंने सोनिया और राहुल को फैसले की जानकारी दी है? तो कृष्णा बोले- मैं सीनियर लीडर हूं, सीधे प्रेसिडेंट से बात करता हूं। वाइस प्रेसिडेंट या जनरल सेक्रेटरी से नहीं।
उन्होंने कहा- मैंने अच्छा और बुरा वक्त देखा है। लेकिन इस वक्त कांग्रेस अभी कन्फ्यूजन की स्थिति में है। पार्टी के वरिष्ठ नेता को किनारे कर दिया गया है, जो ठीक नहीं है। पार्टी को ये पता ही नहीं है कि उसे जनता से जुड़े नेताओं की जरूरत है या मैनेजर्स की।