अभिनेत्री-निर्देशक कंगना रनौत सेंसर बोर्ड के सुझाव के बाद अपनी आने वाली फिल्म इमरजेंसी में कुछ दृश्यों को हटाने के लिए राज़ी हो गई हैं।
मीडिया के अनुसार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि फिल्म इमरजेंसी की सह-निर्माता कंगना रनौत ने सेंसर बोर्ड की समीक्षा समिति द्वारा अनुशंसित संशोधनों को स्वीकार कर लिया है।
मेकर्स विवादित सीन हटाने के लिए सहमत हो गए हैं तो ऐसे में यह विवाद खत्म हो सकता है और जल्द ही फिल्म रिलीज हो सकती है। यह मामला ज़ी स्टूडियोज़ द्वारा दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें फिल्म के लिए सेंसर प्रमाणपत्र जारी करने की मांग की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, मामले की आगे की सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी। प्रोडक्शन कंपनी जी स्टूडियो के वकील ने बॉम्बे एचसी को बताया कि वे रिवाइजिंग कमेटी द्वारा सुझाए गए बदलावों से कंगना सहमत हैं। उन्होंने सीबीएफसी द्वारा सुझाए गए बदलावों के लिए प्रारुप तैयार किया है। सीबीएफसी इस प्रारूप पर जवाब देगा।
बताते चलें कि फिल्म को सिख समुदाय से जुड़े प्रतिनिधित्व को लेकर विवादों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी थी।
इस मामले में पिछले सप्ताह सेंसर बोर्ड ने कहा था कि फिल्म को कुछ संशोधनों के बाद रिलीज किया जा सकता है। पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर बनी फिल्म ‘आपातकाल’ एक राजनीतिक थ्रिलर है जो 1975 से 1977 के दौरान लगाए गए आपातकाल पर आधारित है। फिल्म में कंगना ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है।
बोर्ड ने इससे पहले फिल्म के करीब 13 कट्स और बदलाव की बात कही थी। इन बदलाव के बाद कंटेंट को यूए सर्टिफिकेट के साथ पास किया गया। इस पर रिवाइजिंग कमेटी ने मेकर्स से बदलाव करके इसे सिनेमाघरों में रिलीज हेतु सर्टिफिकेट हासिल करने की बात कही है।
फिल्म को लेकर सिख संगठनों द्वारा एतराज़ जताया गया है। समुदाय ने आरोप लगाया है कि इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।