नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने सभी उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों से अपने कैंपसों में जंक फूड पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने को कहा है। साथ ही उनको छात्रों को इस तरह की चीजों के उपभोग के खिलाफ जागरूक करने का निर्देश भी दिया गया है। junk food
यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों को संबोधित एक पत्र में यूजीसी के सचिव जसपाल एस.संधू ने संस्थानों को जंक फूड भंडार करने और बेचने पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
प्रो. संधू ने बताया है कि ऐसा आदेश केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की ओर से भेजे गए निर्देशानुसार जारी किया गया है। दरअसल उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र मोटापे के शिकार हो रहे हैं। मोटापे से शरीर में आलस बढ़ रहा है और पढ़ाई में छात्रों की एकाग्रता नहीं बन पा रही है। इसके लिए जंकफूड खाने से स्वास्थ्य पर क्या विपरीत प्रभाव हो सकते हैं इसके लिए छात्रों को जागरूक किया जाए। कैंटीन में हेल्थी फूड मिले यह सुनिश्चित किया जाए।
संधू ने सेहत बिगाडऩे वाली खाने पीने की चीजों के गलत परिणाम से छात्रों को अवगत कराने के लिए कदम उठाने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कॉलेज नियमित अंतराल पर अपने यहां छात्रों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) क्या है? और क्या होना चाहिए। क्या वह अपने शरीर की लंबाई और चौड़ाई के हिसाब से सही वजन के हैं कहीं ऐसा तो नहीं की जंक फूड ने उनका वजन बढ़ा दिया है।
पत्र में सचिव ने उल्लेख किया, कॉलेजों में जंक फूड बैन करने से हेल्थी फूड के लिए नए स्टैंडर्ड्स तैयार होंगे और इससे छात्रों का जीवन बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इससे युवाओं में मोटापा कम करने में मदद मिलेगी, जिससे जीवनशैली के कारण पैदा होने वाली बीमारियों को रोका जा सकेगा क्योंकि जीवनशैली के कारण पैदा होने वाली बीमारियों का वजन बढऩे से सीधा संबंध होता है। junk food