नई दिल्ली। जेएनयू में एक बार फिर से लाल झंडा लहराया है। लेफ्ट गठबंधन ने छात्र संघ चुनाव में चारों पदों पर कब्जा कर लिया है। लेफ्ट विचारधारा से और एबीवीपी के बीच नौ फरवरी की घटना के बाद परिसर में अपनी अपनी विचाराधारा के प्रभाव की जंग थी। Jnu poll
नौ फरवरी को परिसर में कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे जिसके बाद देशद्रोह के मामले में निवर्तमान जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया था।
पहली बार भाकपा माले की छात्र शाखा आइसा ने माकपा की एसएफआई के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन ने काउंसलर की भी 31 में से 30 सीटों पर जीत हासिल की। एबीवीपी को केवल संस्कृत विभाग में काउंसलर की एकमात्र सीट मिली।
लेफ्ट गठबंधन के मोहित पांडेय को जेएनयूएसयू का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने बीएपीएसए के राहुल सोनपिम्पले को 409 मतों के अंतर से हराया। जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त इशिता माना ने कहा, ‘‘अमल पिपली, सतपूर्ता चक्रवर्ती और ताबरेज हुसैन को क्रमश: उपाध्यक्ष, महासचिव एवं संयुक्त सचिव चुना गया।’’ चुनाव में केंद्रीय पैनल के लिए 18 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे जबकि काउंसलर पद के लिए 79 उम्मीदवार मैदान में थे।
कन्हैया ने मोहित को बधाई दी और ट्वीट किया, ‘‘देश जानना चाहता है। जेएनयूएसयू चुनावों में एबीवीपी का क्या हुआ। जेएनयू को बंद करो एबीवीपी को बंद करो बन गया है।’’ जेएनयू छात्र संघ पर वषरें से वामपंथी संगठनों का प्रभाव रहा है और पिछले वर्ष आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी को एक सीट हासिल हुई थी और 14 वर्षों के अंतराल के बाद वह विश्विद्यालय में वापसी कर सकी।
“लेफ्ट गठबंधन के मोहित पांडेय को जेएनयूएसयू का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने बीएपीएसए के राहुल सोनपिम्पले को 409 मतों के अंतर से हराया। जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त इशिता माना ने कहा, ‘‘अमल पिपली, सतपूर्ता चक्रवर्ती और ताबरेज हुसैन को क्रमश: उपाध्यक्ष, महासचिव एवं संयुक्त सचिव चुना गया।’’ चुनाव में केंद्रीय पैनल के लिए 18 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे थे जबकि काउंसलर पद के लिए 79 उम्मीदवार मैदान में थे।” Jnu poll