मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में 26 बैंकों के गठजोड़ ने निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज के मामले को दिवाला संहिता के तहत कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में भेज दिया। न्यायाधिकरण इस पर बुधवार से सुनवाई करेगा। बैंकों को ठप पड़ी एयरलाइन से 8,500 करोड़ रुपए की वसूली करनी है।
कभी जेट एयरवेज देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी एयरलाइन के तौर पर जानी जाती थी। 25 साल पहले इस एयरलाइन को टिकटिंग एजेंट से उद्यमी बने नरेश गोयल ने शुरू किया था। नकदी संकट और एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को भुगतान नहीं कर पाने की वजह से गत 17 अप्रैल से जेट एयरवेज का परिचालन बंद है।
#JetAirwaysCrisis today share prices of jet have fallen 40% straight.soon it might touch Rs 1.75. Total market cap of billions dollars eroded. Banks can never recover debt of 9000 cr.Who are responsible? Is our system so incompetent. @TheOfficialSBI at top must be sacked. हे राम
— Pravesh Jain (@PRAVESHPARAS) June 18, 2019
जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंक पिछले 5 महीने से एयरलाइन को चलती हालत में बेचने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन कई कारणों की वजह से वे अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाए।
बैंकों के अलावा एयरलाइन पर उसे माल और सेवाएं देने वालों का 10,000 करोड़ रुपए और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपए का बकाया है। जेट एयरवेज के कर्मचारियों की संख्या 23,000 है।
पिछले कुछ साल के दौरान जेट एयरवेज का कुल नुकसान 13,000 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। इस तरह एयरलाइन पर कुल 36,500 करोड़ रुपए का बकाया है।
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घरेलू हवाई अड्डों पर एयरलाइन के स्लॉट सरकार ने अन्य विमानन कंपनियो को दे दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी उसके कुछ स्लॉट अन्य एयरलाइन को दिए गए हैं।
बेड़े में विमानों की बात की जाए, तो जेट एयरवेज के पास मात्र 16 विमान हैं जिनका मूल्य 5,000 करोड़ रुपए है। एयरलाइन के बेड़े में शेष 123 विमान पट्टे पर थे। भुगतान नहीं होने की वजह से इनका पंजीकरण रद्द हो चुका है और इन्हें वापस लिया जा चुका है।
बंबई शेयर बाजार में मंगलवार को जेट एयरवेज का शेयर 41 प्रतिशत टूटकर 40.45 रुपए पर आ गया। दिन में कारोबार के दौरान एक समय यह 52.78 प्रतिशत के नुकसान से 32.25 रुपए पर आ गया था।