जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ एवं अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह पहली सितंबर के बाद कार्यभार संभालेंगी और उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक होगा। जया रेलवे बोर्ड की पहली अध्यक्ष हैं और वह अनिल कुमार लाहोटी का स्थान लेंगी।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति के लिए मंज़ूरी दे दी गई है। पहली सितंबर या उसके बाद से वह रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के रूप में अपनी ज़िम्मेदारी संभालेंगी।
वह रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष भी हैं। जया सिन्हा एक अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रही हैं, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने पर इसे एक बार फिर से बढ़ाया जाएगा।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्र जया वर्मा सिन्हा 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा में शामिल हुईं। अपने कार्यकाल में उनकी नियुक्ति उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे और पूर्वी रेलवे में हुई है।
बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में जया वर्मा सिन्हा ने चार साल तक काम किया। कार्यकाल के दौरान ही बांग्लादेश में कोलकाता से ढाका तक चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन हुआ था।
दिल्ली
➡️रेलवे बोर्ड को पहली महिला चेयरमैन मिली
➡️जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की नई चेयरमैन
➡️रेलवे बोर्ड की नई CEO और चेयरमैन बनीं जया वर्मा
➡️जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की चेयरमैन नियुक्त
➡️रिटायरमेंट के बाद भी 10 महीने के लिए कार्यकाल भी बढ़ा
➡️10 महीने के लिए… pic.twitter.com/WHd4RaJOTk
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) August 31, 2023
हाल में होने वाले बालासोर(ओडिशा) ट्रेन दुर्घटना के बाद जया वर्मा सिन्हा ने रेलवे बोर्ड की सदस्य के रूप में सम्बंधित जटिल सिग्नल प्रणाली के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी।
वर्तमान में रेलवे बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य कर रही जया वर्मा सिन्हा ऐसे समय में बोर्ड का प्रभार संभालेंगी जब भारतीय रेलवे को केंद्र सरकार से रिकॉर्ड बजटीय आवंटन प्राप्त हुआ है।
बताते चलें कि 2023-24 के लिए रेलवे को 2.74 लाख करोड़ रुपये का आवंटन का गया है। यह राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर को किया गया अब तक का सबसे अधिक आवंटन है। वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये का सकल बजटीय आवंटन किया गया था।