बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की ट्रांसफर याचिका को लेकर गीतकार जावेद अख्तर ने कैविएट दाखिल की है। इसके लिए जावेद अख्तर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
जावेद अख्तर ने आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कंगना के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है। ऐसे में कंगना ने सारे केस मुंबई से हिमाचल ट्रांसफर करने के लिए याचिका लगाई है। अब जावेद अख्तर ने अपनी कैविएट में कहा है कि कंगना की याचिका पर कोई भी आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष भी जरूर सुना जाए।
हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में कैविएट वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिये डाली जाती है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाए।
हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में कैविएट वादी द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिये डाली जाती है कि उसका पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित नहीं किया जाए।
मुंबई में मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाते हुए अभिनेत्री और उनकी बहन ने कहा था- ‘उन्हें आशंका है कि अगर इन मामलों की सुनवाई मुंबई में हुई तो उनकी जान और संपत्ति दोनों पर ‘गंभीर खतरा’ होगा क्योंकि शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार उन्हें परेशान कर रही है।’
जावेद अख्तर ने टीवी इंटरव्यू के दौरान उनके खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक और निराधार टिप्पणी करने के लिये रनौत की शिकायत अंधेरी के मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के सामने की थी। आपराधिक शिकायत के दौरान उन्होंने कंगना के खिलाफ आईपीसी की प्रमुख धाराओं में कार्रवाई की मांग की थी। जावेद अख्तर के वकील का कोर्ट में कहना था कि कंगना ने उनके क्लाइंट के खिलाफ निराधार टिप्पणी की थी और इस वजह से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।