अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली प्रधानमंत्री को चेतावनी दी है कि गाजा नागरिकों पर अंधाधुंध बमबारी से इज़राइल अपना अंतरराष्ट्रीय समर्थन खो रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि इज़राइल को संयुक्त राज्य अमरीका और यूरोपीय संघ का समर्थन प्राप्त है, लेकिन गाजा में बच्चों, महिलाओं और निर्दोष नागरिकों पर लगातार बमबारी के कारण वह अपना अंतरराष्ट्रीय समर्थन खो रहा है।
चुनावी मुहिम के एक अभियान में फंड जमा करने के दौरान बोलते हुए, जो बाइडेन ने इज़राइल की इस बात का समर्थन किया कि युद्धविराम से हमास मजबूत होगा, लेकिन अमरीकी राष्ट्रपति ने इज़राइली प्रधानमंत्री से केवल आतंकवादियों को लक्षित करने का आग्रह किया है।
अमरीकी राष्ट्रपति ने इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अपने मंत्रिमंडल के उन कट्टरपंथी सदस्यों को बदलने की भी सलाह दी जो अंधाधुंध बमबारी जैसे चरम उपायों पर जोर दे रहे हैं।
President Biden said Israel’s “indiscriminate bombing” is eroding international support for its war on Hamas, as the U.N. says the health system has collapsed in Gaza. https://t.co/mvbpVGHWHx
— The Washington Post (@washingtonpost) December 13, 2023
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक़ इज़राइल के अधिकारी हमास के साथ जारी इस युद्ध में उनके 1200 से अधिक लोगों के मरने की बात कह रहे हैं। उधर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस युद्ध में अब तक 18,600 फ़िलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। 50 हजार से अधिक फ़िलिस्तीनी नागरिक ज़ख़्मी हैं। गाजा में मानवीय संकट है।
मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि बाइडन ने इज़राइल के साथ एक निजी बातचीत का भी जिक्र किया। जिसमें इज़राइली नेता ने कहा कि आपने भी तो जर्मनी पर बमबारी और परमाणु बम गिराया। आपके हमलों में भी तो कई लोग मारे गए थे।
इन सवालों का जवाब में बाइडन ने कहा कि हां इन्हीं वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इन संस्थाओं को स्थापित किया गया था, जिससे यह सुनिश्चत किया जा सके कि भविष्य में दोबारा ऐसा कभी न हो, फिर कोई वही गलती न करे, जो हमने 9/11 या अफगानिस्तान में की।
उधर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड ने भी गाजा में इज़राइली बमबारी में निर्दोष नागरिकों की मौत पर चिंता व्यक्त की और स्थायी युद्धविराम की मांग की।
तीनों देशों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि हमास को हराने का मतलब निर्दोष फ़िलिस्तीनी नागरिकों को लगातार कष्ट सहना नहीं होना चाहिए। फ़िलिस्तीनी लोगों के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है।