बगदाद। इराक़ की राजधानी के एक अस्पताल के मैटरनिटी वॉर्ड में आग लगने से 12 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। इस हादसे में झुलसे प्री मैच्योर या समय से पहले पैदा हुए बच्चों के परिवार वालों को शवों के पहचान के लिए बुलाया गया।इन नवजात बच्चों में से एक की मां ने कहा कि शवों की हालत इतनी ख़राब हो चुकी है कि वो इनकी पहचान भी नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा, ” मुझे मेरा बच्चा झुलसा हुआ मिला।”
अधिकारियों ने बताया कि संभव है कि ये आग इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी के कारण आग लगी हो और इसे बुझाने में तीन घंटे लग गए। अधिकारियों ने कहा है कि इस हादसे में 12 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। आठ अन्य बच्चों और 29 महिलाओं को दूसरे अस्पतालों में भेजा गया है। 36 वर्षीय शाइमा हुसैन और उनके पति अस्पताल में अपने दो दिन के बच्चे को देखने के लिए जा रहे थे जब वहां आग लगी और धुएं की वजह से वो अपने बच्चे तक पहुंच नहीं पाए। शाइमा हुसैन खिड़की तोड़कर बचने में कामयाब हो गई। उन्होंने कहा, ” मैंने उन्हें जला हुआ देखा। मुझे अपने बच्चे को जन्म देने में काफ़ी तकलीफ़ हुई थी। काफ़ी इलाज के बाद ये बच्चा हुआ था। इतना सब कुछ होने के बाद मुझे जला हुआ शव मिला। ” उम्म अहमद अपने किसी रिश्तेदार के एक नवजात बच्चे को तलाश रही थीं। उन्होंने बताया, ” उन्होंने मुझसे कहा कि उसे फ्रिज में ढूंढो। ” “मुझे वो एक गत्ते के छोटे बक्से में मिला लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो बच्चा है या स्पॉन्ज का टुकड़ा। वो कोयले की तरह दिख रहा था।”
30 वर्षीय हुसैन उमर ने बताया कि उन्हें डर है कि एक हफ्ते पहले जन्मे जुड़वा बच्चों का क्या हुआ होगा। अस्पताल के अधिकारियों ने उनसे बग़दाद के अन्य अस्पतालों में देखने के लिए कहा। उन्होंने बताया, “उनकी मां तो अभी भी सिज़ेरियन के बाद आराम कर रही है, मैं उन्हें किस तरह बताऊं। मुझे अपना बेटा और बेटी वापस चाहिए। सरकार को उन्हें मुझे वापस देना चाहिए।”