पटना। यदि सब कुछ ठीक रहा तो मार्च तक भारत और नेपाल के बीच रेलसेवा बहाल हो जाएगी। मधुबनी जिले के जयनगर से जनकपुर तक बड़ी लाइन का काम प्रगति पर है। यह काम भारत सरकार का सबसे बड़ा रेल उपक्रम इरकॉन करा रहा है। अभी बारिश के कारण काम में कुछ शिथिलता है। भारत और नेपाल के रेलवे बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को दिल्ली में प्रस्तावित है। इरकॉन के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।
650 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की यह एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। जयनगर-वर्दीवास (नेपाल) के बीच 81 किमी. लंबी बड़ी रेल लाइन का निर्माण होना है। प्रथम फेज में जयनगर (मधुबनी जिले में भारत का आखिरी स्टेशन) से जनकपुर (नेपाल) के बीच 29 किलोमीटर लंबी रेल लाइन निर्माण कार्य पूरा होगा। दूसरे फेज में जनकपुर से बिजलपुरा (नेपाल) तक 24 किलोमीटर और इसके बाद बिजलपुरा से वर्दीवास 28 किलोमीटर बड़ी रेल लाइन निर्माण कार्य पूरा होगा।
जयनगर-जनकपुर(नेपाल)- वर्दीवास (नेपाल) रेलखंडों पर 80 से 100 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। चंद घंटों में यात्री नेपाल के खुबसुरत हरा-भरा पहाड़ों के बीच पहुंच कर मनमोहक प्रकृति छटा को अपनी आंखों में कैद कर सकेंगे। इरकॉन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मार्च 2017 में भारत-नेपाल के बीच ट्रेन दौड़ने लगेगी। निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।
इरकॉन के अधिकारियों ने बताया कि जयनगर-जनकपुर (नेपाल) रेलखंड पर मिट्टी का 60 फीसद से अधिक कार्य पूरा हो चुका हैं। बारिश के कारण फिलहाल कार्य रुका हुआ है। बरसात के बाद के बाद मिट्टी वाली कार्य पूरा कर ब्लाइकेटिंग, ब्लास्टर तथा स्लीपर बिछाने की कार्य प्रारंभ किया जाएगा। ब्लास्टर स्लीपर के लिए टेंडर की प्रक्रिया प्रोसेस में हैं। जनवरी-फरवरी 2017 में इन रेलखंड पर पटरी बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा। जयनगर से बिजलपुरा करीब 53 किमी. की दूरी में 16 पूल हैं, जिसमें से 14 पूल का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। कुल 91 पुलियां में 61 पुलियां बनकर तैयार है। 9 स्टेशन 5 हाल्ट होंगे।
16 अगस्त 2015 को नेपाल में भड़का मधेस आंदोलन को लेकर रेल लाइन निर्माण कार्य करीब 6 से 7 महीना बाधित रहा। तकनीकी समस्याओं मसलन बारिश की वजह से भी अक्सर कार्य में रुकावट आती है। जिसके कारण निर्माण कार्य धीमा रहा। 2011 में इरकॉन को भारत-नेपाल रेल लाइन निर्माण कार्य का जिम्मा मिला।तीन साल में निर्माण कार्य इरकॉन को पूरा करना था।
प्रारंभ में प्राक्कलित राशि 548 करोड़ रुपये की थी। वह बढ़कर अब 650 करोड़ रुपये की हो गई है। जयनगर से जनकरपुर (नेपाल) 29 किमी. रेल लाइन निर्माण कार्य का टेंडर असम के नायक इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला हैं। 2013 में नायक इंफ्रास्ट्रक्चर, इरकॉन की टेंडर प्रक्रिया को फुल फिल किया था। जयनगर से वर्दीवास (नेपाल) के बीच रेल लाइन निर्माण कार्य का टेंडर नेपाल के कालीकारमण एजेंसी को मिला हैं। कालिकारामण ने भी इरकॉन से समझौता कर लिया है।