आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इन्फ्लूएंजा वायरस एच3एन2 के व्यापक प्रसार और उसकी चपेट में आने वाले लोगों के सम्बन्ध में जानकारी दी है। आईसीएमआर द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक़ बीते दो-तीन महीनों से इसका प्रकोप बढ़ा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी दी है। इस जानकारी के मुताबिक़ से पता चलता है कि बीते दिनों में बुखार, गले की खराश सहित, खांसी, उल्टी, और शरीर में दर्द के साथ पेट खराब होने के लक्षण वाले मरीज़ों की संख्या अचानक तेज़ी से बढ़ी है।
आईएमए ने बार बार एंटीबायोटिक्स लेने के मामले में भी उन लोगों को मनादी की है जो तबियत सुधार होने पर दवा बंद कर देते है और फिर बिगड़ने पर इसे शुरू कर देते हैं।
आईएमए के अनुसार आम टूर पर बुखार तीन दिनों में उतर जाता है जबकि खांसी तीन सप्ताह तक जारी रहती है। एसोसिएशन इन मरीज़ो के इलाज में डॉक्टरों को एंटीबायोटिक्स देने से बचने की सलाह देता है।
Fever cases on rise – Avoid Antibiotics pic.twitter.com/WYvXX70iho
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) March 3, 2023
आईएमए के मुताबिक़ 50 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु के लोगों में एच3एन2 का इन्फेक्शन देखा जा रहा है। कुछ मरीज़ों में बुखार के अलावा सांस फूलने की शिकायत भी मिली है। रिपोर्ट की माने तो इसका कारण वायु प्रदूषण भी हो सकता है।
ऐसे में आईएमए ने चिकित्सकों को एंटीबायोटिक खुराक से बचते हुए दवा देने की बात कही है। आईएमए ने बार बार एंटीबायोटिक्स लेने के मामले में भी उन लोगों को मनादी की है जो तबियत सुधार होने पर दवा बंद कर देते है और फिर बिगड़ने पर इसे शुरू कर देते हैं। एसोसिएशन के मुताबिक़ यह एंटीबायोटिक बाद में शरीर पर बेअसर हो जाता है।
इसके अलावा आईएमए भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने स्वच्छता को प्राथमिकता देने के साथ फ्लू के टीकाकरण की सलाह भी देता है।