गाड़ी के सभी जरूरी कागजात अपडेट करने के बाद ही आप किसी एक्सप्रेसवे पर सफर करें। इसमें गाड़ी के इंश्योरेंस से लेकर प्रदूषण के वैध पेपर होना ज़रूरी है। कॉमर्शियल वाहन होने पर वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट भी होना जरूरी है।
अब एक्सप्रेसवे पर चलने वाले हर वाहन की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। गाड़ी के एक्सप्रेसवे पर चढ़ते ही चंद मिनटों में ट्रैफिक पुलिस को पता लग जाएगा कि वाहन से जुड़ी क्या चीज वैध नहीं है। ऐसे में गाड़ी बिना रोके ही आपका चालान कट जाएगा।
देश के सभी एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) से लैस होने जा रहे हैं। इस सिस्टम की मदद से गाड़ी के अंदर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट लगाई है या नहींजानकारी भी फोटो और वीडियो के साथ मिल जाएगी।
बीते कुछ सालों से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सभी हाईवे और एक्सप्रेसवे को सुरक्षित और हाईटेक बनाने के लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए हाईवे पर विदेशी तकनीक से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाने से लेकर फास्टैग जैसी सुविधाएं भी शुरू की गई हैं। साथ ही कई जगहों पर एक्सप्रेसवे पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर लगाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था से वाहन मालिकों को टोल देने के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के ई-चालान किए जाने की शुरुआत की गई है।