काला मोतियाबिंद आंखों की एक खतरनाक बीमारी है जिससे पीड़ित होने के बाद मरीज़ धीरे-धीरे अपनी आंखों की रोशनी खोने लगता है। ऐसे में ज़रूरी है कि न सिर्फ काला मोतियाबिंद को जाने बल्कि उन बातों पर भी ध्यान दिया जाए जो इसके होने को रोक सकते हैं।
स्वस्थ भोजन-
फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले विटामिन और खनिज आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। इसलिए सब्जियों के साथ-साथ फलों को भी आहार में शामिल करना चाहिए।
कैफीन का सेवन कम करें-
अत्यधिक कैफीन के सेवन से आंखों का अंदरूनी दबाव बढ़ सकता है, जिससे काला मोतियाबिंद विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए चाय, कॉफी और एनेर्जी ड्रिंक के रूप में कैफीन का सीमित मात्रा में सेवन करना ही बेहतर है।
ब्लड प्रेशर के स्वस्थ स्तर को बनाए-
ब्लड प्रेशर को काबू में रखना आंखों की सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर से मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए स्वस्थ आहार लें, नियमित व्यायाम करें और अपनी आँखों के आराम का विशेष ख़याल रखें।
व्यायाम–
व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे ऑप्टिक नर्व मजबूत होती है और मोतियाबिंद का खतरा कम होता है। इसलिए नियमित रूप से साइकिल चलाना या पैदल चलना जैसे हल्के और मध्यम व्यायाम इस मामले में बेहद मददगार साबित होते हैं।
धूम्रपान से परहेज-
शोध में धूम्रपान और मोतियाबिंद के बीच संबंध पाया गया है, इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए धूम्रपान से बचना चाहिए।
आँखों को चोट से बचाएं-
आंख की चोट से मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए खेल या अन्य गतिविधियों के दौरान आंखों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
मधुमेह को काबू में रखना-
मधुमेह को मोतियाबिंद के लिए एक जोखिम कारक माना जाता है, इसलिए मधुमेह को काबू में रखना महत्वपूर्ण है। अपनी शुगर की नियमित जांच कराते रहें, स्वस्थ आहार लें, अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें और अपने डॉक्टर की सलाह और निर्देशों का पालन करें।
वजन को नियंत्रण में रखना-
मोटापे से ग्रस्त लोगों में मोतियाबिंद विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए व्यायाम और स्वस्थ आहार के माध्यम से वजन को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है।
पारिवारिक इतिहास-
यह पता होना चाहिए कि क्या परिवार में पहले किसी को काला मोतियाबिंद हुआ है। िब बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण अनुवांशिक होना भी है। यदि आपके परिवार में किसी को ये समस्या रही है तो डाक्टर को अवश्य बताएं।
नियमित निरीक्षण-
आंखों की सेहत के लिए नियमित जांच बहुत जरूरी है, इससे प्रारंभिक अवस्था में ही काले मोतियाबिंद का निदान किया जा सकता है। शुरूआती समय का उपचार समस्या को बढ़ने नहीं देगा और जल्द आराम मिल सकेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक साल में एक बार आंखों की विस्तृत मेडिकल जांच करानी चाहिए।