दुनिया के अधिकतर देशों में लाक डाउन समाप्त कर दिया गया है और बाज़ार खुलने लगे हैं तो मास्क का प्रयोग लोगों की रोज़मर्रा की आदत बन गया है।सवाल यह है कि जब मास्क को पाबंदी से इस्तेमाल करना है तो क्या तरीक़ा है कि मास्क पर संभावित रूप से लगे कोरोना वायरस को मारा जाए और मास्क को पुनः इस्तेमाल के लायक़ बनाया जाए?
हम यहां उस मास्क की बात नहीं कर रहे हैं जो डाक्टर और चिकित्सा विभाग के स्टाफ़ के लोग प्रयोग करते हैं और जिसे एन-95 मास्क कहा जाता है। हमारी बात उस आम मास्क के बारे में है जो आम तौर पर लोग इस्तेमाल करते हैं।
यह मास्क पतला होता है इसे धोना मुश्किल होता है। इस प्रकार के मास्क को इस्तेमाल करने के बाद अगर 72 घंटे के लिए किसी जगह पर रख दिया जाए तो यदि उस पर कोरोना वायरस लगा भी है तो वह मर जाएगा। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि मास्क को एक सप्ताह के लिए छोड़ देना चाहिए तब उस पर मौजूद वायरस ख़त्म हो जाएगा।
दो अलग अलग विचारों की वजह यह है कि कोरोना वायरस अलग अलग वातावरण में अधिक या कम अवधि में समाप्त हो जाता है। यदि तापमान कम है तो वायरस अधिक समय तक जीवित रहता है और तापमान ज़्यादा है तो जल्दी ख़त्म हो जाता है।
यहां डाक्टरों की ओर से कुछ महत्वपूर्ण अनुशंसाएं हैं जो हम बयान करना चाहते हैं।
मास्क को जैविक ख़तरे के रूप में देखना चाहिए, जब भी उसे हाथ लगाएं तो अपने हाथ साबुन से 20 सेकेंड तक ज़रूर धोएं।
यदि मास्क गंदा हो जाए तो फिर उसे इस्तेमाल न करें।
मास्क कहीं से भी फटा हुआ नहीं होना चाहिए।
मास्क को प्रयोग करने के बाद काग़ज़ के लिफ़ाफ़े में डाल कर बंद कर दें और एक हफ़्ते तक छोड़ दें, उसके बाद उसे पुनः इस्तेमाल करें।
जिस लिफ़ाफ़े में मास्क रखा है उसे बच्चों से दूर रखें।
एक हफ़्ते के बाद पैकेट से मास्क बाहर निकालें तो इसे वही व्यक्ति इस्तेमाल करे जिसने पहले इस्तेमाल किया है कोई दूसरा नहीं।