हालाँकि अच्छी क्वालिटी की प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है, फिर भी प्लास्टिक से रसायनों, विशेषकर माइक्रोप्लास्टिक्स के रिसने की संभावना के कारण संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में चिंताएं बनी रहती हैं।
वैसे तो अधिकांश प्लास्टिक की बोतलों पर BPA-मुक्त लेबल लगा होता है, फिर भी अन्य रसायन प्लास्टिक की बोतलों में मौजूद पानी में घुल सकते हैं, विशेष रूप से जब उन्हें गर्मी के संपर्क में लाया जाता है या लम्बे समय तक संग्रहीत किया जाता है।
एक्सपर्ट प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को कम करने और इसके स्थान पर कांच या स्टेनलेस स्टील की बोतलों जैसे पुन: प्रयोज्य विकल्पों का उपयोग करने की सलाह देते हैं।
अध्ययनों में प्लास्टिक की बोतलबंद पानी में सूक्ष्म प्लास्टिक कण पाए गए हैं, जो ऐसी बोतलों से पीने पर शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। ये प्रभाव इस प्रकार हैं-
पर्यावरणीय प्रभाव-
एकल-उपयोग (single-use) वाली प्लास्टिक की बोतलों के बार-बार उपयोग से प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में प्लास्टिक से जुड़े संभावित जोखिम को कम करने के लिए कुछ ऐसी आदतों को अपनाया जा सकता है जो इस नुकसान को कम कर सकें।
एकल यूज़ वाली बोतलों से बचें-
कांच या स्टेनलेस स्टील से बनी पुन: प्रयोज्य पानी की बोतलें (reusable water bottles) चुनें। अधिकांश एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को बार-बार उपयोग के लिए नहीं बनाया गया है और प्रत्येक बार दोबारा उपयोग करने पर उनकी गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है, जिससे पेय पदार्थों में हानिकारक रसायन मिल सकते हैं।
बीएपी मुक्त बोतलें-
अपने इस्तेमाल के लिए बीएपी मुक्त बोतलें चुनें। ऐसा करने के लिए अच्छी बीपीए-मुक्त लेबल वाली बोतलों की तलाश करें। यह बोतलें आम तौर पर स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती हैं क्योंकि यह रासायनिक बिस्फेनॉल ए (BPA) के संपर्क में आने से बचाती हैं। बीपीए प्लास्टिक के कंटेनरों से खाद्य और पेय पदार्थों में रिस सकता है, खासकर जब यह अधिक तापमान के संपर्क में आता है।
अत्यधिक तापमान से बचें-
प्लास्टिक की बोतलों को गर्म वाहनों में न रखें, न ही उन्हें फ्रीजर में जमाएं।