भारत के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में ऑल-वुमेन बटालियन बनाने की मंजूरी देकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
महिला सशक्तिकरण के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने वाले गृह मंत्रालय के इस फैसल को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सीआईएसएफ की पहली पूर्ण महिला बटालियन को मंजूरी देकर गृह मंत्रालय ने राष्ट्र सुरक्षा के मामलों में लैंगिक समानता का प्रयास किया है।
गृह मंत्री के निर्देशों के तहत यह बटालियन देश की सुरक्षा में अपने योगदान के साथ अपने आत्म सम्मान और अस्तित्व की नई इबारत लिखेगी।
मंत्रालय के इस फैसले से महिलाओं को राष्ट्रीय सामरिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के मिशन में शामिल होने का मौक़ा मिलेगा। साथ ही इस सेक्टर में शामिल होकर महिलाऐं देश की रक्षा सेवाओं के क्षेत्र में अपनी भागीदारी साबित कर सकेंगी।
इस नए मंच पर महिलाओं की भागीदारी एक और दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस नई बटालियन के गठन से न सिर्फ सुरक्षा क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी बल्कि सही मायने में उन्हें सशक्तिकरण और आत्मसम्मान से जोड़ा जा सकेगा। हालाँकि वर्तमान में सीआईएसएफ में 7 प्रतिशत से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं और नई बटालियन का गठन इसे और विस्तार देगा।
इस बटालियन के प्रशिक्षण संबंधी कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जिससे महिला कमांडो वीआईपी सुरक्षा सहित हवाई अड्डों एवं दिल्ली मेट्रो रेल सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा सकें। इस विषय में सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक दीपक वर्मा का कहना है कि बटालियन के गठन के हेतु भर्ती, प्रशिक्षण और मुख्यालय की जगह के चयन की प्रक्रिया पर काम शुरू हो चुका है।
महिला सामर्थ्य को साबित करने वाले एक बेहतरीन अवसर के माध्यम से सीआईएसएफ की यह बटालियन राष्ट्र सुरक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को एक अलग पहचान देगी।