पेरिस. मरी ल पेन और पूर्व बैंकर इमैनुएल मैक्रों के बीच फ्रांस का चुनावी दंगल. फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में अप्रत्याशित कैंपेन से देश पूरी तरह से बंट गया है. दूसरे चरण का मुकाबला 39 साल के पूर्व इन्वेस्टमेंट बैंकर मध्यमार्गी इमैनुएल मैक्रों और दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी 48 साल की मरी ल पेन के बीच हो रहा है.
इसे लेकर रविवार को फ्रांस में मतदान शुरू हो चुका है. 23 अप्रैल को हुए पहले राउंड के चुनाव में राष्ट्रपति की रेस में 11 लोग शामिल थे और अब केवल दो बचे हैं.
इमैनुएल मैक्रों एक उदारवादी मध्यमार्गी हैं. वह यूरोपीयन यूनियन के समर्थक हैं और बिज़नेस को बढ़ावा देने के रूप में जाने जाते हैं.
दूसरी तरफ पेन राष्ट्रवादी एजेंडों के तहत फ्रांस-फर्स्ट और प्रवासी विरोधी कार्यक्रमों को लागू करने का दावा कर रही हैं. पेन चाहती हैं कि फ्रांस घरेलू अर्थव्यवस्था में यूरो को छोड़ दे. वह यूरोपीयन यूनियन में फ्रांस के बने रहने पर एक जनमत संग्रह भी कराना चाहती हैं.
कई लोगों को मैक्रों की जीत की उम्मीद है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि मतदान में भारी कमी के कारण उनकी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है.
फ्रांस का चुनाव यूरोप के लिए बेहद अहम है. इसके बाद जर्मनी में चुनाव होना है. दूसरी तरफ़ ब्रिटेन यूरोपीयन यूनियन से निकलने की प्रक्रिया पूरी करने में लगा है.
पिछले छह दशक में फ्रांस में ऐसा पहली बार हुआ है कि मुख्य दक्षिणपंथी या वामदलों का एक भी उम्मीदवार दूसरे दौर तक नहीं पहुंच पाया.
चुनाव के पहले चरण में गिने गए 97 फीसदी वोटों में मैक्रन को 23.9 फीसदी और मरी ल पेन को 21.4 फीसदी वोट मिले.