पंजाब हरियाणा के शंभू बार्डर पर आज किसानों के प्रदर्शन का 5वां दिन है। ये किसान फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ अपनी कुछ और मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आज कहा है कि मुमकिन है कि अध्यादेश के जरिए कानून लाया जाए।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में शामिल हों और बातचीत के ज़रिए इसका हल निकाला जाए। उनका मानना है कि एमएसपी पर अध्यादेश के जरिए कानून लाया जाना चाहिए।
सरवन सिंह पंढेर की मांग है कि सभी फसलों पर एमएसपी लाया जाए। आगे उन्होंने कहा कि किसान चाहते हैं कि इस आंदोलन का सुखद अंत हो। साथ ही उन्होंने अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की भी मांग की है।
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किसान आंदोलन को देखते हुए उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भी इसके बुरे प्रभाव की तरफ ध्यान दिलाया है। किसान आंदोलन के जारी रहने से उत्तरी राज्यों में व्यापार और उद्योग को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंचने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है।
किसान आंदोलन को लेकर उद्योग मंडल का बड़ा दावा, कहा- उत्तरी राज्यों को रोजाना होगा 500 करोड़ का नुकसान#FarmerProtest2024 #FarmersProtest https://t.co/mLymXcLO1C
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पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल का कहना है कि लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन से प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा।
आंदोलन से होने वाले आर्थिक नुकसान से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के चौथी तिमाही के सकल राज्य घरेलू उत्पाद प्रभावित होगा। उद्योग मंडल ने देश में सभी के कल्याण को देखते हुए सरकार और किसानों दोनों से मुद्दों के शीघ्र समाधान की उम्मीद जताई है।