मुंबई। दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से गुरुवार को रुपए में एक महिने की सबसे बड़ी 39 पैसे की गिरावट रही और यह 67.83 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा प्रमुख नीतिगत दरों में चौथाई प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के बाद गुरुवार को डॉलर में जबरदस्त उछाल देखा गया। fall in rupee
इससे भारतीय मुद्रा पर दबाव रहा। गत दिवस 10 पैसे की तेजी के साथ 67.44 रुपए प्रति डॉलर पर बंद होने वाला रुपया 36 पैसे लुढक़कर सीधे 67.80 रुपए प्रति डॉलर पर खुला।
आरंभ में ही 67.85 रुपए प्रति डॉलर तक टूटने के बाद घरेलू शेयर बाजार की शुरुआती तेजी के दम पर एक समय यह 67.71 रुपए प्रति डॉलर के दिवस के उच्चतम स्तर तक भी पहुँच गया।
लेकिन, इसके बाद जब शेयर बाजार भी लाल निशान में चला गया तो रुपया लुढक़ता हुआ 67.87 रुपए प्रति डॉलर के दिवस के निचले स्तर पर आ गया।
कारोबार की समाप्ति पर यह गत दिवस की तुलना में 39 पैसे नीचे 67.83 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो 06 दिसंबर के बाद का इसका न्यूनतम बंद भाव है।
साथ ही 39 पैसे की गिरावट 14 नवंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट भी है। कारोबारियों ने बताया कि मजबूत डॉलर के दबाव में रुपया टूटा है। शेयर बाजार से भी इसे समर्थन नहीं मिला।